
Bihar Board Class 9 राजनीति विज्ञान अध्याय 6 लोकतांत्रिक अधिकार में भारत के नागरिकों को दिए गए अधिकारों को विस्तार से समझाता है।
यह अध्याय छात्रों को संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों और उनके महत्व की जानकारी देता है। इसके माध्यम से छात्र अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनते हैं।
पाठ्यपुस्तक | NCERT / SCERT |
कक्षा | कक्षा 9 |
विषय | राजनीति विज्ञान |
अध्याय | अध्याय 6 |
प्रकरण | लोकतांत्रिक अधिकार |
Bihar Board Class 9 राजनीति विज्ञान अध्याय 6 लोकतांत्रिक अधिकार के प्रश्नों का उत्तर:
1. निम्नलिखित में से कौन मौलिक अधिकार नहीं है?
(क) समानता का अधिकार
(ख) विदेश में घूमने का अधिकार
(ग) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
(घ)
उत्तर: (ख) विदेश में घूमने का अधिकार
2. मौलिक अधिकारों के रक्षक के रूप में कौन कार्य करता है?
(क) राष्ट्रपति
(ख) प्रधानमंत्री
(ग) सर्वोच्च न्यायालय
(घ) सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय
उत्तर: (घ) सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय
3. किस अधिकार को मूल अधिकारों की श्रेणी से निकाल दिया गया है?
(क) समता का अधिकार
(ख) स्वतंत्रता का अधिकार
(ग) संपत्ति का अधिकार
(घ) जीवन का अधिकार
उत्तर: (ग) संपत्ति का अधिकार
4. आपातकाल में नागरिकों के मौलिक अधिकार –
(क) स्थगित किए जाते हैं।
(ख) समाप्त किए जाते हैं।
(ग) इसके बारे में संविधान मौन है।
(घ) निरर्थक हो जाते हैं।
उत्तर: (क) स्थगित किए जाते हैं।
5. इनमें से कौन सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है?
(क) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता
(ग) सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता
(घ) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता
उत्तर: (ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता
6. भारत का संविधान इनमें से कौन सा अधिकार देता है?
(क) काम का अधिकार
(ख) निजता का अधिकार
(ग) अपने संस्कृति की रक्षा का अधिकार
(घ) पर्याप्त जीविका का अधिकार
उत्तर: (ग) अपने संस्कृति की रक्षा का अधिकार
Bihar Board Class 9 राजनीति विज्ञान अध्याय 6 लोकतांत्रिक अधिकार के प्रश्नों का उत्तर:
7. दोनों में से कौन धार्मिक स्वतंत्रता की सही व्याख्या है?
(क) प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार किसी किसी भी धर्म को अपनाकर उसका प्रचार करने की स्वतंत्रता है।
(ख) अगर किसी धर्म विशेष के द्वारा कोई शैक्षिक संस्था चलाई जाती है तो उसे आजादी है कि वह किसी अन्य धर्म के मानने वालों का उसमें प्रवेश नहीं दे।
उत्तर: (क) प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को अपनाकर उसका प्रचार करने की स्वतंत्रता है।
कारण:
भारतीय संविधान का धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28) प्रत्येक नागरिक को यह स्वतंत्रता देता है कि वह अपनी इच्छा से किसी भी धर्म को मान सकता है, उसका पालन कर सकता है और प्रचार-प्रसार भी कर सकता है — जब तक कि वह सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य का उल्लंघन न करे।
विकल्प (ख) संविधान की भावना के विपरीत है क्योंकि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में धर्म के आधार पर भेदभाव करना अनुचित माना गया है, विशेष रूप से जब कोई संस्था सार्वजनिक सहायता प्राप्त करती हो।
8. निम्नलिखित में से नागरिकों का स्वतंत्रता संबंधी अधिकार कौन है?
(क) हथियार सहित सभा करने की स्वतंत्रता
(ख) सरकार के विरुद्ध षडयंत्र करने की स्वतंत्रता
(ग) भाषण तथा विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता
(घ) विदेश में घूमने की स्वतंत्रता
उत्तर: (ग) भाषण तथा विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता
कारण:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के अंतर्गत नागरिकों को भाषण, विचार, अभिव्यक्ति, शांतिपूर्ण सभा, संगठन बनाने आदि की स्वतंत्रता दी गई है। यह विकल्प (ग) इन्हीं अधिकारों में से एक है।
9. निम्नलिखित में से प्रत्येक के बारे में बताएं कि वह सत्य है या गलत।
(क) भारत में अधिकारों की रक्षा न्यायपालिका करती है।
उत्तर: सत्य
→ न्यायपालिका (विशेष रूप से उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय) मौलिक अधिकारों की रक्षा करती है।
(ख) हमें सिर्फ अपने परंपरागत पेशा को चुनने का अधिकार है।
उत्तर: गलत
→ हमें किसी भी वैध पेशे को चुनने, करने और बदलने की स्वतंत्रता है, यह अधिकार संविधान द्वारा दिया गया है।
(ग) हमें सिर्फ उसी प्रदेश में रहने का अधिकार है जिसमें हमने जन्म लिया है।
उत्तर: गलत
→ हर नागरिक को भारत के किसी भी हिस्से में स्वतंत्र रूप से निवास करने का अधिकार है।
(घ) विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी भी व्यक्ति को कुछ भी बोल देने के अधिकार से है।
उत्तर: गलत
→ यह स्वतंत्रता सीमित है और इसमें सार्वजनिक व्यवस्था, शिष्टाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा आदि का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।
10. अपने राज्य में मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखें जिसमें हाल में ही घाटे एक मानवाधिकार के उल्लंघन का मामला उठाएं।
पत्र – मानवाधिकार आयोग को मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायत के संबंध में
प्रेषक:
अपना नाम (सलमान खान )
वार्ड नं – 28, मीर नगर
अररिया , बिहार – 854311
प्रति,
अध्यक्ष
बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग
पटना, बिहार
विषय: हाल ही में घटे मानवाधिकार उल्लंघन की घटना के संबंध में शिकायत
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके ध्यान में एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का मामला लाना चाहता हूँ। दिनांक 10 मई 2025 को अररिया जिले के मीर नगर क्षेत्र में पुलिस द्वारा एक गरीब मजदूर शाहरुख खान के साथ बर्बरता की गई। शाहरुख केवल अपने बकाया मजदूरी की मांग कर रहा था, जिसे लेकर ठेकेदार ने झूठा आरोप लगाकर पुलिस को बुलाया। पुलिस ने बिना किसी जांच के शाहरुख को न केवल सार्वजनिक रूप से अपमानित किया बल्कि उसे थाने में शारीरिक रूप से प्रताड़ित भी किया।
यह घटना न केवल एक गरीब नागरिक की गरिमा का हनन है, बल्कि उसके मानवाधिकारों के उल्लंघन का स्पष्ट उदाहरण भी है।
आपसे निवेदन है कि:
- इस घटना की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
- दोषी पुलिसकर्मियों एवं ठेकेदार पर उचित कार्यवाही की जाए।
- पीड़ित शाहरुख खान को उचित मुआवजा एवं न्याय दिलाया जाए।
आपसे आशा है कि आप इस मामले को गंभीरता से लेकर शीघ्र कार्यवाही करेंगे।
सादर,
सलमान खान
दिनांक: 18 मई 2025
हस्ताक्षर: ____________
11. निम्नलिखित स्थितियों को पढ़ें और प्रत्येक स्थिति के बारे में बताएं कि उनमें किस मौलिक अधिकार का उपयोग या उल्लंघन हो रहा है और कैसे?
(क) स्थिति:
सुनीता दफ्तर में नौकरी के लिए आवेदन देने गयी। वहां उसका आवेदन इसलिए अस्वीकृत कर दिया गया क्योंकि वह एक महिला है।
✅ उल्लंघन हुआ: समानता के अधिकार (अनुच्छेद 14 और 15) का
- संविधान के अनुसार किसी नागरिक के साथ लिंग, धर्म, जाति आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।
- सुनीता को केवल महिला होने के कारण नौकरी से वंचित करना स्पष्ट रूप से लैंगिक भेदभाव है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
(ख) स्थिति:
सरकारी नीतियों की आलोचना करने वाले एक पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
✅ उल्लंघन हुआ: स्वतंत्रता का अधिकार – विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19) का
- भारत के नागरिकों को सरकार की आलोचना करने का अधिकार है।यदि पुस्तक में अशांति भड़काने जैसी कोई बात नहीं है, तो उस पर प्रतिबंध लगाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अनुचित हनन है।
(ग) स्थिति:
उड़ीसा के लोग बिहार में अपनी भाषा एवं संस्कृति के प्रचार के लिए सांस्कृतिक संस्था चलाते हैं।
✅ उपयोग हुआ: सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29 व 30) का
- भारत के नागरिकों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण और प्रचार का अधिकार है।
- यह स्थिति मौलिक अधिकारों के सकारात्मक उपयोग का उदाहरण है।
12. क्या आप मानते हैं कि नीचे लिखे स्थितियां स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंधों की मांग करती है। अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दें।
(क) शहर में दंगों के समय लोग हथियार सहित जुलूस निकालना चाहते हैं।
✅ यह स्थिति स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंध की मांग करती है।
तर्क:
- संविधान अनुच्छेद 19(1)(b) के तहत नागरिकों को शांतिपूर्ण रूप से एकत्र होने की स्वतंत्रता है।
- लेकिन अनुच्छेद 19(3) के अनुसार यह स्वतंत्रता “लोक व्यवस्था और सुरक्षा” के हित में सीमित की जा सकती है।
- दंगे के समय हथियारों सहित जुलूस निकालना अशांति को और बढ़ावा दे सकता है, जिससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।
- इसलिए ऐसी स्थिति में सरकार को इस स्वतंत्रता पर वैध प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।
(ख) रमेश एवं सुरेश वैसे इलाकों में जाना चाहते हैं जो सैनिक दृष्टि से सुरक्षित है।
✅ यह स्थिति भी स्वतंत्रता के अधिकार पर प्रतिबंध की मांग करती है।
तर्क:
- नागरिकों को अनुच्छेद 19(1)(d) के तहत भारत में कहीं भी आने-जाने और बसने का अधिकार है।
- लेकिन अनुच्छेद 19(5) कहता है कि यह अधिकार राष्ट्र की सुरक्षा और जनहित के लिए सीमित किया जा सकता है।
- सैन्य दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में आम नागरिकों की उपस्थिति से देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
- इसलिए सरकार को इन क्षेत्रों में नागरिकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का संवैधानिक अधिकार है।
📌 निष्कर्ष:
भारत का संविधान स्वतंत्रता के अधिकार देता है, परंतु लोक व्यवस्था, सुरक्षा और जनहित की रक्षा के लिए उन पर युक्तिपूर्ण प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। उपर्युक्त दोनों स्थितियों में ऐसे प्रतिबंध उचित और आवश्यक हैं।
13. इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएँ जैसे आने-जाने की स्वतंत्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार आपस में एक दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने जाने की स्वतंत्रता के चलते व्यक्ति अपने गांव या शहर के अंदर ही नहीं, दूसरे गांव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आजादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएं और तीर के निशानों से बताएं कि कौन से अधिकतर आपस में जुड़े हैं। हर तीर के साथ संबंध बताने वाला एक उदाहरण भी दें।
यहाँ पर आपके लिए लोकतांत्रिक अधिकारों का एक सरल ‘मकड़जाल’ (Web of Rights) प्रस्तुत किया गया है जिसमें तीर के निशानों (→) द्वारा यह बताया गया है कि कौन-से अधिकार एक-दूसरे से किस प्रकार जुड़े हैं, साथ ही प्रत्येक तीर के साथ एक उदाहरण भी दिया गया है।
🕸 लोकतांत्रिक अधिकारों का मकड़जाल 🕸
- आने-जाने की स्वतंत्रता → पेशा चुनने की स्वतंत्रता
📌 उदाहरण: रवि उत्तर प्रदेश से मुंबई जाकर मजदूरी करता है। - आने-जाने की स्वतंत्रता → धार्मिक स्वतंत्रता
📌 उदाहरण: रेखा चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड जाती है। - धार्मिक स्वतंत्रता → संस्था बनाने की स्वतंत्रता
📌 उदाहरण: मुस्लिम समुदाय ने अपने धर्म प्रचार के लिए मदरसा खोला। - संस्था बनाने की स्वतंत्रता → सभा करने की स्वतंत्रता
📌 उदाहरण: मजदूर यूनियन ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया। - अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता → सरकार की आलोचना का अधिकार
📌 उदाहरण: एक पत्रकार ने भ्रष्टाचार पर रिपोर्ट छापी। - अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता → विचारों का प्रचार
📌 उदाहरण: एक लेखक ने अपनी किताब में सामाजिक असमानता पर विचार व्यक्त किए। - समानता का अधिकार → शिक्षा और नौकरी में भेदभाव का विरोध
📌 उदाहरण: एक दलित छात्र ने विश्वविद्यालय में भेदभाव के खिलाफ शिकायत की। - संवैधानिक उपचारों का अधिकार → अन्य सभी अधिकारों की रक्षा
📌 उदाहरण: रीना ने अपने मौलिक अधिकार के हनन पर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई।
✅ निष्कर्ष:
सभी मौलिक अधिकार आपस में जुड़े हुए हैं। किसी एक अधिकार पर प्रतिबंध लगने से अन्य अधिकार भी प्रभावित होते हैं। इसलिए संविधान ने इन सभी को एक संविधानिक ढांचे में समाहित किया है।
📌अन्य महत्वपूर्ण पोस्ट:
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