बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 8: कृषि और खेतिहर समाज 

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 8: कृषि और खेतिहर समाज 

भारत में कृषि न केवल एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, बल्कि यह समाज के ग्रामीण जीवन का अहम हिस्सा भी है। बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 8 में हम कृषि के विकास, खेतिहर समाज की संरचना और इसके सामाजिक, आर्थिक प्रभावों के बारे में जानेंगे। इस अध्याय में हम यह भी समझेंगे कि किस प्रकार कृषि ने भारत के ग्रामीण समाज को प्रभावित किया और इसके द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना कैसे किया गया।

पाठ्यपुस्तकBSTBPC
कक्षाकक्षा – 9
विषयइतिहास
अध्यायअध्याय 8
प्रकरणकृषि और खेतिहर समाज 

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 8: कृषि और खेतिहर समाज के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर:

📘 वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

1. दलहन फसल वाले पौधे की जड़ की गाँठ में पाया जाता है –

(क) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु ✅
(ख) पोटाशियम स्थिरीकरण जीवाणु
(ग) फॉस्फेटी स्थिरीकरण जीवाणु
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर: (क) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु

2. शाही लीची बिहार में मुख्यतः होता है –

(क) हाजीपुर
(ख) समस्तीपुर
(ग) मुजफ्फरपुर ✅
(घ) सिवान
उत्तर: (ग) मुजफ्फरपुर

3. रबी फसल बोया जाता है –

(क) जून-जुलाई
(ख) मार्च-अप्रैल
(ग) नवम्बर ✅
(घ) सितम्बर-अक्टूबर
उत्तर: (ग) नवम्बर

4. केला, बिहार में मुख्यतः होता है –

(क) समस्तीपुर
(ख) हाजीपुर ✅
(ग) सहरसा
(घ) मुजफ्फरपुर
उत्तर: (ख) हाजीपुर

5. चावल, बिहार के किस जिले में सबसे ज्यादा उत्पादन होता है? –

(क) सिवान
(ख) रोहतास ✅
(ग) सीतामढ़ी
(घ) हाजीपुर
उत्तर: (ख) रोहतास

6. गरमा फसल किस ऋतु में होता है? –

(क) ग्रीष्म ऋतु ✅
(ख) शरद ऋतु
(ग) वर्षा ऋतु
(घ) वसंत ऋतु
उत्तर: (क) ग्रीष्म ऋतु

7. रेशेदार फसल को चुनें –

(क) आम
(ख) लीची
(ग) धान
(घ) कपास ✅
उत्तर: (घ) कपास

8. अगहनी फसल को चुनें –

(क) चावल ✅
(ख) जूट
(ग) मूँग
(घ) गेहूँ
उत्तर: (क) चावल

✍️ रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

1. कपास एक रेशेदार फसल है।
2. मक्का खरीफ फसल है।
3. भारत एक कृषि प्रधान देश है।
4. भारत की दो तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर है।
5. ऐग्रिकल्चर लैटिन भाषा के दो शब्दों एगर तथा कल्टुरा से बना है।
6. चावल सर्वाधिक रोहतास जिला में उत्पादन होता है।
7. बिहार की कृषि गहन निर्वाहक प्रकार की है, जिसके अंतर्गत वर्ष में तीन फसलें बोई या काटी जाती हैं।
8. चावल के लिए नम जलवायु की आवश्यकता है।
9. गेहूँ के लिए दोमट मिट्टी चाहिए।
10. मकई के लिए उष्ण जलवायु की आवश्यकता है।

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 8: कृषि और खेतिहर समाज के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

1. भारत में मुख्यतः कितनें प्रकार की कृषि होती है?

उत्तर: भारत में मुख्यतः तीन प्रकार की कृषि होती है – परंपरागत कृषि, वाणिज्यिक कृषि और आधुनिक कृषि। इन तीनों प्रकारों में उत्पादन के तरीके, प्रयुक्त तकनीक और उद्देश्य में भिन्नता पाई जाती है।

2. रबी फसल और खरीफ फसल में क्या अंतर है?

उत्तर: रबी फसलें सर्दी में बोई जाती हैं और गर्मियों में काटी जाती हैं, जैसे गेहूं। खरीफ फसलें वर्षा ऋतु में बोई जाती हैं और सर्दी में काटी जाती हैं, जैसे धान और मक्का।

3. पादप संकरण क्या है?

उत्तर: पादप संकरण वह प्रक्रिया है जिसमें दो भिन्न पौधों के गुणों को मिलाकर एक नई किस्म तैयार की जाती है। इससे बेहतर गुणवत्ता, अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधक पौधों का विकास संभव होता है।

4. मिश्रित खेती क्या है?

उत्तर: जब एक ही खेत में खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन, बागवानी या अन्य कृषि गतिविधियाँ की जाती हैं, तो उसे मिश्रित खेती कहा जाता है। इससे किसानों को विभिन्न स्रोतों से आय प्राप्त होती है।

5. हरित क्रांति के आप क्या समझते हैं?

उत्तर: हरित क्रांति 1960 के दशक में भारत में प्रारंभ की गई कृषि सुधार प्रक्रिया थी। इसमें HYV बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक और सिंचाई के आधुनिक साधनों का प्रयोग कर कृषि उत्पादन में वृद्धि की गई।

6. गहन खेती से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: गहन खेती वह प्रक्रिया है जिसमें एक ही भूमि पर वर्ष भर में कई बार फसलें ली जाती हैं। इसमें उन्नत तकनीकों, अधिक श्रम व सिंचाई का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाया जाता है।

7. झूम खेती से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: झूम खेती एक पारंपरिक कृषि पद्धति है, जिसमें जंगल की जमीन साफ कर खेती की जाती है और कुछ वर्षों बाद स्थान बदल दिया जाता है। यह आदिवासी क्षेत्रों में प्रचलित है।

8. फसल चक्र के बारे में लिखें।

उत्तर: फसल चक्र एक कृषि पद्धति है जिसमें विभिन्न प्रकार की फसलें एक निश्चित क्रम में उगाई जाती हैं ताकि भूमि की उर्वरता बनी रहे और रोग व कीटों से फसलें सुरक्षित रहें।

9. रोपण या बगानी खेती से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: रोपण खेती वाणिज्यिक खेती का रूप है, जिसमें चाय, कॉफी, रबर आदि फसलें बड़े पैमाने पर उगाई जाती हैं। यह आमतौर पर एक ही फसल की एकरूप खेती होती है।

10. वर्तमान समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के उपाय बतावें।

उत्तर: ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए कृषि का आधुनिकीकरण, पशुपालन, बागवानी, ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, और ग्रामीण सड़कों का निर्माण आवश्यक है।

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 8: कृषि और खेतिहर समाज के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

1. भारत एक कृषि प्रधान देश है, कैसे?

उत्तर: भारत की अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। इसी कारण भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है।

  • भारत की लगभग 65% जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी है।
  • देश की खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति मुख्यतः कृषि से होती है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग कृषि पर आधारित है।
  • कई उद्योग जैसे—कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण आदि कृषि उत्पादों पर निर्भर हैं।
  • कृषि निर्यात से विदेशी मुद्रा की भी प्राप्ति होती है।
  • कृषि भारत के सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन से भी जुड़ी हुई है।

इस प्रकार, भारत की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक व्यवस्था में कृषि का प्रमुख स्थान है, जिससे यह सिद्ध होता है कि भारत वास्तव में एक कृषि प्रधान देश है।

2. कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि के लिए लाभदायक है, कैसे?

उत्तर: आज के युग में पारंपरिक कृषि के स्थान पर वैज्ञानिक पद्धति से कृषि करने पर अधिक उत्पादन और लाभ प्राप्त होता है।

  • HYV बीजों के उपयोग से पैदावार में वृद्धि होती है।
  • रासायनिक खाद और कीटनाशकों से फसलें सुरक्षित रहती हैं।
  • वैज्ञानिक सिंचाई विधियों से जल की बचत होती है।
  • मृदा परीक्षण से भूमि की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखा जा सकता है।
  • फसल चक्र अपनाने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
  • यंत्रों के प्रयोग से समय और श्रम की बचत होती है।

इस प्रकार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर किसान कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और कृषि को लाभकारी बना सकते हैं।

3. बिहार की कृषि “मानसून के साथ जुआ” कहा जाता है, कैसे?

उत्तर: बिहार की कृषि मुख्यतः वर्षा पर निर्भर है। समय पर बारिश नहीं होने पर किसानों को भारी नुकसान होता है।

  • बिहार में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं है।
  • अधिकांश खेत मानसूनी वर्षा पर निर्भर करते हैं।
  • अनियमित वर्षा से फसलों को हानि पहुँचती है।
  • बाढ़ और सूखा दोनों की संभावना बनी रहती है।
  • वर्षा अधिक हो तो फसलें बर्बाद, और कम हो तो सूखा पड़ता है।
  • सरकार की योजनाएँ पर्याप्त नहीं पहुँच पाती हैं।

इस प्रकार, बिहार की कृषि का भविष्य पूरी तरह से मानसून की अनिश्चितता पर निर्भर है, इसलिए इसे “मानसून के साथ जुआ” कहा जाता है।

4. कृषि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम हो सकता है, कैसे?

उत्तर: कृषि केवल भोजन उत्पादन का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज के आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास का आधार भी बन सकती है।

  • कृषि से ग्रामीणों की आय बढ़ती है, जिससे जीवन स्तर सुधरता है।
  • आधुनिक कृषि पद्धतियों से सोच में परिवर्तन आता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ बढ़ती हैं।
  • किसानों में आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की भावना उत्पन्न होती है।
  • कृषि आधारित उद्योगों से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
  • महिलाओं की भागीदारी से सामाजिक संतुलन आता है।

इस प्रकार, कृषि न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक विकास का भी सशक्त माध्यम है, जिससे पूरे समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

5. कृषि में वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है? समझावें।

उत्तर: वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अर्थ है – सोच और कार्य में तर्क, परीक्षण और योजना का समावेश। कृषि में इसका प्रयोग करने से उत्पादन और गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

  • उन्नत बीजों का उपयोग करना।
  • मृदा परीक्षण और उचित खाद का चयन।
  • समय पर बुवाई और कटाई करना।
  • जलवायु के अनुसार फसल का चयन करना।
  • फसल चक्र अपनाना और भूमि का संरक्षण करना।
  • सिंचाई के वैज्ञानिक तरीके जैसे—स्प्रिंकलर या ड्रिप सिंचाई।
  • कीट नियंत्रण के लिए जैविक या रासायनिक उपाय अपनाना।

इस प्रकार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि को अपनाकर कम संसाधनों में अधिक और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है, जो किसानों की समृद्धि का मार्ग बनाता है।


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