बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 4: विश्व युद्धों का इतिहास

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 4: विश्व युद्धों का इतिहास

विश्व युद्धों का इतिहास 20वीं शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों में से एक है। पहले और दूसरे विश्व युद्ध ने न केवल देशों की सीमाओं को बदला, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं को भी प्रभावित किया। बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास के इस अध्याय में हम जानेंगे विश्व युद्धों के कारण, प्रमुख घटनाएं और उनके प्रभावों के बारे में। यह ज्ञान छात्रों को इन युद्धों के इतिहास को समझने में मदद करेगा और परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उपयोगी होगा।

पाठ्यपुस्तकBSTBPC
कक्षाकक्षा – 9
विषयइतिहास
अध्यायअध्याय 4
प्रकरणविश्व युद्धों का इतिहास

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 4: विश्व युद्धों का इतिहास के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर:

📘 वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

1. प्रथम विश्व युद्ध कब आरंभ हुआ?

(क) 1941 ई०
(ख) 1952 ई०
(ग) 1950 ई०
(घ) 1914 ई० ✅
उत्तर: (घ) 1914 ई०

2. प्रथम विश्व युद्ध में किसकी हार हुई?

(क) अमेरिका की
(ख) जर्मनी की ✅
(ग) रूस की
(घ) इंग्लैंड की
उत्तर: (ख) जर्मनी की

3. 1917 ई० में कौन देश प्रथम विश्व युद्ध से अलग हो गया?

(क) रूस ✅
(ख) इंग्लैंड
(ग) अमेरिका
(घ) जर्मनी
उत्तर: (क) रूस

4. वर्साय की संधि के फलस्वरूप इनमें किस महाद्वीप का मानचित्र बदल गया?

(क) यूरोप का ✅
(ख) ऑस्ट्रेलिया का
(ग) अमेरिका का
(घ) रूस का
उत्तर: (क) यूरोप का

5. त्रिगुट समझौते में शामिल थे –

(क) फ्रांस, ब्रिटेन और जापान
(ख) फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रिया
(ग) जर्मनी, ऑस्ट्रिया और इटली ✅
(घ) इंग्लैंड, अमेरिका और रूस
उत्तर: (ग) जर्मनी, ऑस्ट्रिया और इटली

6. द्वितीय विश्व युद्ध कब आरंभ हुआ?

(क) 1939 ई० में ✅
(ख) 1941 ई० में
(ग) 1936 ई० में
(घ) 1938 ई० में
उत्तर: (क) 1939 ई० में

7. जर्मनी को पराजित करने का श्रेय किस देश को है?

(क) फ्रांस को
(ख) रूस को ✅
(ग) चीन को
(घ) इंग्लैंड को
उत्तर: (ख) रूस को

8. द्वितीय विश्वयुद्ध में कौन सा देश पराजित हुआ?

(क) चीन
(ख) जापान
(ग) जर्मनी ✅
(घ) इटली
उत्तर: (ग) जर्मनी

9. द्वितीय विश्वयुद्ध में पहला एटम बम कहां गिराया गया था?

(क) हिरोशिमा पर ✅
(ख) नागासाकी पर
(ग) पेरिस पर
(घ) लंदन पर
उत्तर: (क) हिरोशिमा पर

10. द्वितीय विश्वयुद्ध कब अंत हुआ?

(क) 1939 ई० को
(ख) 1941 ई० को
(ग) 1945 ई० को ✅
(घ) 1938 ई० को
उत्तर: (ग) 1945 ई० को

📗 रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

  1. द्वितीय विश्वयुद्ध के फलस्वरुप औपनिवेशिक साम्राज्यों का पतन हुआ।
  2. जर्मनी का पोलैंड पर आक्रमण द्वितीय विश्वयुद्ध का तात्कालिक कारण था।
  3. धुरी राष्ट्रों में इटली ने सबसे पहले आत्म समर्पण किया।
  4. वर्साय की संधि की शर्तें द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए उत्तरदाई थी।
  5. अमेरिका ने दूसरा एटम बम जापान के नागासाकी बंदरगाह पर गिराया था।
  6. वर्साय की संधि में ही द्वितीय विश्वयुद्ध के बीज निहित थे।
  7. प्रथम विश्व युद्ध के बाद अमेरिका एक विश्व शक्ति बनकर उभरा।
  8. प्रथम विश्व युद्ध के बाद मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी के साथ वर्साय की संधि की।
  9. राष्ट्र संघ की स्थापना का श्रेय अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन को दिया जाता है।
  10. राष्ट्र संघ की स्थापना 1920 ई० में की गई।

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 4: विश्व युद्धों का इतिहास के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

प्रश्न 1. प्रथम विश्व युद्ध के उत्तरदायी किन्हीं चार कारणों का उल्लेख करें।

उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध के चार प्रमुख कारण थे:
(1) उपनिवेशों की होड़,
(2) उग्र राष्ट्रवाद का विकास,
(3) सैन्यवाद की नीति,
(4) यूरोपीय देशों के बीच गुप्त संधियाँ।
इन सभी कारणों ने यूरोपीय देशों के बीच तनाव को बढ़ाया।

प्रश्न 2. त्रिगुट (Triple Alliance) तथा त्रिदेशीय संधि (Triple Entente) में कौन-कौन से देश शामिल थे? इन गुटों की स्थापना का उद्देश्य क्या था?

उत्तर: त्रिगुट में जर्मनी, इटली और ऑस्ट्रिया थे। त्रिदेशीय संधि में इंग्लैंड, रूस और फ्रांस शामिल थे। इनका उद्देश्य था– एक-दूसरे को सुरक्षा देना, शक्ति संतुलन बनाए रखना और युद्ध के समय सहयोग करना।

प्रश्न 3. प्रथम विश्वयुद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?

उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण ऑस्ट्रिया के युवराज फ्रांज फर्डिनेंड की 28 जून 1914 को सर्बिया में हत्या थी। इस घटना ने युद्ध की चिंगारी को हवा दी और संधियों के कारण सभी देश युद्ध में कूद पड़े।

प्रश्न 4. सर्वस्लाव आंदोलन का क्या तात्पर्य है?

उत्तर: सर्वस्लाव आंदोलन का तात्पर्य स्लाव जातियों को एक झंडे के नीचे एकजुट करना था। यह आंदोलन रूस के संरक्षण में चलाया गया। इससे ऑस्ट्रिया को अपने साम्राज्य पर खतरा महसूस हुआ, जो युद्ध का कारण बना।

प्रश्न 5. उग्र राष्ट्रीयता प्रथम विश्वयुद्ध का किस प्रकार एक कारण था?

उत्तर: हर देश अपनी संस्कृति, भाषा और नस्ल को श्रेष्ठ मानने लगा था। यह भावना उग्र राष्ट्रीयता कहलाती है। इससे अन्य देशों के प्रति नफरत और असहिष्णुता बढ़ी, जो युद्ध को भड़काने में सहायक बनी।

प्रश्न 6. “द्वितीय विश्वयुद्ध प्रथम विश्वयुद्ध का ही परिणाम थी” कैसे?

उत्तर: प्रथम विश्वयुद्ध के बाद वर्साय संधि में जर्मनी पर कठोर शर्तें थोपी गईं। इससे वहां असंतोष बढ़ा और हिटलर को तानाशाही स्थापित करने का अवसर मिला। इसने पुनः युद्ध की भूमि तैयार की, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध हुआ।

प्रश्न 7. द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए हिटलर कहां तक उत्तरदाई था?

उत्तर: हिटलर ने जर्मनी को सैन्य रूप से मजबूत किया, वर्साय संधि को तोड़ा और पड़ोसी देशों पर आक्रमण किया। उसकी विस्तारवादी नीति, नस्लवाद और तानाशाही रवैये ने युद्ध को जन्म दिया।

प्रश्न 8. द्वितीय विश्वयुद्ध के किन्हीं पांच परिणामों का उल्लेख करें।

उत्तर:
(1) लाखों लोगों की मृत्यु हुई,
(2) हिरोशिमा-नागासाकी पर एटम बम गिरा,
(3) संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई,
(4) यूरोपीय ताकतों का पतन हुआ,
(5) अमेरिका और रूस महाशक्ति बने।

प्रश्न 9. तुष्टिकरण की नीति क्या है?

उत्तर: जब कोई देश आक्रामक नीति अपनाता है और अन्य देश उसे रोकने के बजाय उसे संतुष्ट करने के लिए रियायतें देते हैं, तो उसे तुष्टिकरण की नीति कहते हैं। इंग्लैंड और फ्रांस ने हिटलर के साथ यही नीति अपनाई थी।

प्रश्न 10. राष्ट्र संघ क्यों असफल रहा?

उत्तर: राष्ट्र संघ कमजोर था, उसके पास न तो सेना थी, न ही अधिकार। अमेरिका जैसे बड़े देश की अनुपस्थिति और सदस्यों की उदासीनता के कारण यह संगठन किसी देश को रोकने में असमर्थ रहा।

बिहार बोर्ड कक्षा 9 इतिहास अध्याय 4: विश्व युद्धों का इतिहास के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

प्रश्न 1. प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे? संक्षेप में लिखें।

उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध (1914–1918) एक वैश्विक संघर्ष था, जिसने दुनिया की राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा प्रभाव डाला। इस युद्ध के पीछे कई गहरे और तात्कालिक कारण थे, जो समय के साथ युद्ध में बदल गए।

  • राष्ट्रीयता की भावना: यूरोप के देशों में राष्ट्रवाद तेजी से बढ़ा जिससे एक-दूसरे पर प्रभुत्व जमाने की होड़ मच गई।
  • उपनिवेशवाद: यूरोपीय देश एशिया और अफ्रीका में उपनिवेश स्थापित करना चाहते थे, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ी।
  • सैन्य प्रतिस्पर्धा: देशों ने अपनी सेनाएं और हथियार बढ़ाने शुरू कर दिए। इससे तनाव बढ़ा।
  • गठबंधन प्रणाली: दो गुट बन गए — त्रिगुट (जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इटली) और त्रिदेशीय संधि (इंग्लैंड, फ्रांस, रूस)।
  • सर्वस्लाव आंदोलन: स्लाव जातियों की एकता की मांग ऑस्ट्रिया को पसंद नहीं आई, जिससे टकराव बढ़ा।
  • हत्या कांड: 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया के राजकुमार की हत्या हुई, जिससे युद्ध छिड़ गया।
  • प्रोपेगेंडा और मीडिया: समाचारपत्र और प्रचार तंत्र ने युद्ध को भड़काया।
  • औद्योगीकरण और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा: यूरोपीय देशों में व्यापारिक होड़ युद्ध का कारण बनी।

इन सभी कारणों ने मिलकर विश्व युद्ध की भूमिका तैयार की। हत्या की घटना बस एक तात्कालिक कारण था।

प्रश्न 2. प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?

उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध ने न केवल लाखों लोगों की जान ली, बल्कि दुनिया के राजनीतिक नक्शे को भी बदल दिया। यह युद्ध 1914 से 1918 तक चला और इसके दूरगामी परिणाम हुए।

  • मानव जीवन की हानि: इस युद्ध में लगभग 1 करोड़ लोग मारे गए और करोड़ों घायल हुए।
  • आर्थिक नुकसान: देशों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गई। महंगाई और बेरोजगारी बढ़ गई।
  • राजशाही का अंत: जर्मनी, ऑस्ट्रिया, रूस आदि में सम्राटों का शासन समाप्त हो गया।
  • रूस में क्रांति: रूस में बोल्शेविक क्रांति हुई और कम्युनिस्ट सरकार बनी।
  • वर्साय की संधि: इस संधि के तहत जर्मनी को भारी दंड और जमीन छोड़नी पड़ी।
  • नए देशों का निर्माण: पोलैंड, फिनलैंड, चेकोस्लोवाकिया जैसे नए देश बने।
  • राष्ट्र संघ की स्थापना: युद्ध रोकने के लिए 1919 में लीग ऑफ नेशंस की स्थापना की गई।
  • महिलाओं की भागीदारी: युद्धकाल में महिलाएं कामकाज में आगे आईं, जिससे उनकी स्थिति में सुधार हुआ।
  • युद्ध के बीज: वर्साय की कठोर शर्तों से द्वितीय विश्व युद्ध की नींव पड़ी।

प्रथम विश्व युद्ध ने केवल मानवता को ही नहीं, पूरे विश्व को गहराई से प्रभावित किया और कई नए घटनाओं की नींव रखी।

प्रश्न 3. क्या वर्साय संधि एक आरोपित संधि थी?

उत्तर: वर्साय की संधि प्रथम विश्व युद्ध के बाद 28 जून 1919 को मित्र राष्ट्रों और जर्मनी के बीच हुई थी। इस संधि ने जर्मनी को युद्ध का मुख्य दोषी ठहराया और उस पर कठोर दंड लगाए। इतिहासकारों ने इस संधि को ‘आरोपित संधि’ कहा है।

  • युद्ध का दोष: वर्साय की संधि में जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध का एकमात्र दोषी ठहराया गया।
  • क्षतिपूर्ति: जर्मनी पर भारी आर्थिक क्षतिपूर्ति का बोझ डाला गया जिससे उसकी अर्थव्यवस्था टूट गई।
  • सेना पर नियंत्रण: जर्मनी की सेना को बहुत सीमित कर दिया गया, नौसेना और वायुसेना पर भी पाबंदियाँ लगाई गईं।
  • भौगोलिक बदलाव: जर्मनी के कई क्षेत्र छीन लिए गए जैसे — एल्सेस-लोरेन फ्रांस को दे दिया गया।
  • राजनीतिक अपमान: जर्मन जनता ने इसे एक अपमानजनक संधि माना और इसे ‘डिक्टेटेड पीस’ कहा।
  • हिटलर को मौका: इस संधि की कठोरता ने ही हिटलर को उभारने में मदद की, जिसने बदला लेने की भावना फैलाई।

वर्साय की संधि एक जबरन थोपे गए शांति समझौते जैसी थी, जिसने जर्मनी को अपमानित और असहाय बना दिया। इसने द्वितीय विश्व युद्ध की नींव रख दी।

प्रश्न 4. बिस्मार्क की व्यवस्था ने प्रथम विश्व युद्ध का मार्ग किस तरह प्रशस्त किया?

उत्तर: बिस्मार्क जर्मनी का चांसलर था जिसने यूरोप में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए कई गुट बनाए। उसने “शांतिपूर्ण यूरोप” की नींव रखी लेकिन उसकी गुटबाजी की नीति और जर्मनी की बढ़ती शक्ति ने यूरोपीय देशों में अविश्वास और तनाव पैदा कर दिया, जिससे प्रथम विश्व युद्ध का मार्ग प्रशस्त हुआ।

  • जर्मनी का एकीकरण: बिस्मार्क ने छोटे-छोटे राज्यों को एक कर शक्तिशाली जर्मनी बनाया।
  • सैन्य शक्ति: उसने जर्मनी को अत्याधुनिक हथियारों और शक्तिशाली सेना से सुसज्जित किया।
  • गठबंधन नीति: फ्रांस को अलग-थलग करने के लिए त्रिगुट (Triple Alliance) जैसे समझौते किए।
  • युद्ध नीति: उसने पहले ऑस्ट्रिया, फिर फ्रांस से युद्ध कर जर्मनी का प्रभुत्व बढ़ाया।
  • संतुलन में गड़बड़ी: यूरोप में शक्ति संतुलन बिगड़ा, जिससे अन्य राष्ट्रों में असुरक्षा की भावना फैली।
  • प्रतिस्पर्धा: बिस्मार्क की नीति ने ब्रिटेन और फ्रांस को भी सैन्य और उपनिवेश विस्तार की ओर बढ़ाया।

बिस्मार्क की नीतियों ने यूरोप को हथियारों की दौड़, राजनीतिक गुटबाजी और तनाव की ओर धकेला, जिससे प्रथम विश्व युद्ध का मार्ग साफ हुआ।

प्रश्न 5. द्वितीय विश्व युद्ध के क्या कारण थे?

उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध (1939–1945) मानव इतिहास का सबसे विनाशकारी युद्ध था। यह युद्ध कई राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक कारणों के कारण हुआ। प्रथम विश्व युद्ध की गलतियों और वर्साय संधि की कठोर शर्तों ने द्वितीय विश्व युद्ध के लिए जमीन तैयार की।

  • वर्साय संधि की कठोरता: इसने जर्मनी को अपमानित किया और आर्थिक संकट में डाल दिया।
  • हिटलर का उदय: उसने नाज़ी पार्टी के माध्यम से जर्मनी में तानाशाही स्थापित की और विस्तार की नीति अपनाई।
  • तुष्टिकरण नीति: ब्रिटेन और फ्रांस ने हिटलर को रोकने के बजाय शांत करने की कोशिश की।
  • जातीय श्रेष्ठता: हिटलर ने आर्य जाति को श्रेष्ठ मानते हुए यहूदियों और अन्य जातियों पर अत्याचार किए।
  • सैन्यकरण: हिटलर ने गुप्त रूप से सेना बढ़ाई और समझौतों को तोड़ा।
  • धुरी राष्ट्रों का गठन: जर्मनी, इटली और जापान ने मिलकर आक्रामक गुट बनाया।
  • तात्कालिक कारण: 1939 में जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण के बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने युद्ध की घोषणा कर दी।

द्वितीय विश्व युद्ध कई कारणों की परिणति थी, जिनमें वर्साय संधि, तानाशाही, और हिटलर की विस्तारवादी नीति प्रमुख थीं।

प्रश्न 6. द्वितीय विश्व युद्ध के परिणामों का उल्लेख करें।

उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध (1939–1945) ने न केवल यूरोप, बल्कि पूरे विश्व को गहरे स्तर पर प्रभावित किया। इस युद्ध में लगभग 7 करोड़ लोग मारे गए। यह युद्ध राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सैन्य दृष्टिकोण से बेहद विनाशकारी सिद्ध हुआ।

  • जनहानि: इस युद्ध में करोड़ों लोग मारे गए, दो शहरों पर परमाणु बम गिराया गया।
  • जर्मनी की हार: जर्मनी को दो भागों में बाँटा गया और नाज़ी शासन समाप्त हुआ।
  • जापान की पराजय: हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम गिराए गए, जिससे जापान ने आत्मसमर्पण किया।
  • संयुक्त राष्ट्र की स्थापना: 1945 में संयुक्त राष्ट्र (UN) की स्थापना हुई।
  • नवीन शक्तियों का उदय: अमेरिका और सोवियत संघ विश्व की नई महाशक्तियाँ बने।
  • शीत युद्ध की शुरुआत: अमेरिका और रूस के बीच विचारधारा का टकराव बढ़ा।
  • उपनिवेशवाद का अंत: भारत सहित कई देशों को स्वतंत्रता मिली।

द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया की राजनीति, सीमाओं और समाज को पूरी तरह बदल दिया और एक नए विश्व व्यवस्था की शुरुआत की।

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