बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 9: क्षेत्रीय अध्ययन

बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 9: क्षेत्रीय अध्ययन

बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 9: क्षेत्रीय अध्ययन के इस अध्याय में भारत के प्रमुख क्षेत्रों का विस्तृत भौगोलिक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।छात्रों को क्षेत्रीय विशेषताओं, जनसंख्या, कृषि, उद्योग एवं जलवायु के अंतर्संबंध की जानकारी मिलती है। यह अध्याय भारत को भौगोलिक दृष्टि से समझने में सहायक है।

पाठ्यपुस्तकBSTBPC
कक्षाकक्षा-9
विषयभूगोल
अध्यायअध्याय 9
प्रकरणक्षेत्रीय अध्ययन

बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 9: क्षेत्रीय अध्ययन के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर:

1. क्षेत्र में जाकर इकट्ठे किए गए आंकड़ों को क्या कहा जाता है?

(क) द्वितीयक आंकड़ा
(ख) प्राथमिक आंकड़ा ✅
(ग) तृतीयक आंकड़ा
(घ) चतुर्थक आंकड़ा
उत्तर: (ख) प्राथमिक आंकड़ा

2. भूगोल में क्षेत्रीय अध्ययन है-

(क) एक उपागम ✅
(ख) एक विधितंत्र
(ग) एक सिद्धांत
(घ) एक मॉडल
उत्तर: (क) एक उपागम

बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 9: क्षेत्रीय अध्ययन के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

1. भौगोलिक अध्ययन में क्षेत्रीय अध्ययन के महत्व को स्पष्ट करें।

उत्तर: क्षेत्रीय अध्ययन से किसी विशेष क्षेत्र की भौगोलिक विशेषताओं जैसे—जलवायु, भूमि, वनस्पति, जनसंख्या, संसाधन आदि का गहराई से विश्लेषण किया जाता है। यह अध्ययन स्थानीय समस्याओं के समाधान में मदद करता है और योजनाओं के निर्माण में सहायक होता है।

2. भूमि का कृषि के लिए उपयोग किस क्षेत्र में अधिक होता है?

उत्तर: भूमि का कृषि के लिए उपयोग गंगा के मैदानों, पंजाब, हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में अधिक होता है। इन क्षेत्रों में उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी, पर्याप्त जल की उपलब्धता और समुचित वर्षा के कारण कृषि की स्थिति सुदृढ़ है।

3. वायु प्रदूषण से किस प्रकार की हानि होती है?

उत्तर: वायु प्रदूषण से मनुष्यों में सांस की बीमारियाँ, जैसे—दमा और ब्रोंकाइटिस होती हैं। यह पौधों की वृद्धि को भी प्रभावित करता है और ओजोन परत को क्षति पहुँचाता है। इसके अतिरिक्त, यह जलवायु परिवर्तन का एक बड़ा कारण है।

4. जल प्रदूषण से होने वाली हानि की चर्चा करें।

उत्तर: जल प्रदूषण से पीने योग्य पानी की गुणवत्ता घटती है, जिससे डायरिया, हैजा, टायफॉइड जैसी बीमारियाँ फैलती हैं। यह जलीय जीवन जैसे मछलियों और अन्य जीवों के लिए भी घातक है और कृषि तथा उद्योगों में उपयोगी जल की उपलब्धता को भी प्रभावित करता है।

5. वर्षा जल का संग्रहण किस प्रकार किया जाता है?

उत्तर: वर्षा जल का संग्रहण छतों से पाइपों के माध्यम से टैंकों या भूमिगत टंकियों में किया जाता है। खेतों में इसे छोटे-छोटे गढ्ढों, तालाबों या चेक डैम में संरक्षित किया जाता है। इससे भूजल स्तर में सुधार होता है और सूखे की स्थिति से निपटना आसान होता है।

6. एक आरेख की सहायता से वर्षा जल संग्रहण को दिखाएं।

उत्तर:

   छत  
   ↓  
 पाइप  
   ↓  
 ⬛ संग्रहण टंकी
   ↓
जल उपयोग हेतु

(चित्र: छत से पाइप द्वारा वर्षा जल टंकी में संग्रहित किया जा रहा है)

7. क्षेत्रीय अध्ययन से क्या समझते हैं?

उत्तर: क्षेत्रीय अध्ययन से तात्पर्य किसी विशेष क्षेत्र की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का सूक्ष्म अध्ययन करना है। इसमें क्षेत्र की जलवायु, मृदा, जलस्रोत, भूमि उपयोग, जनसंख्या आदि का विश्लेषण किया जाता है।

8. क्षेत्रीय अध्ययन के क्या लाभ हैं?

उत्तर: क्षेत्रीय अध्ययन से किसी स्थान की समस्याओं को समझना और उनके समाधान की योजना बनाना आसान होता है। यह नीतिगत निर्णयों, क्षेत्रीय विकास, संसाधनों के बेहतर उपयोग और सतत विकास के लिए सहायक होता है।

9. क्षेत्र का चयन करते समय किन बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए?

उत्तर: क्षेत्र के चयन में निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:

  • क्षेत्र का भौगोलिक महत्व
  • अध्ययन हेतु उपलब्ध संसाधन
  • क्षेत्र की समस्याएँ या विशेषताएँ
  • वहाँ तक पहुंचने की सुविधा
  • क्षेत्र की विविधता (प्राकृतिक या मानव निर्मित)

बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 9: क्षेत्रीय अध्ययन के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

प्रश्न 1: नीचे दी गई सारणी का अध्ययन कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर दें:

प्रमुख भू-उपयोग180118501920195019802000
वन621559605675538250523454
फसल क्षेत्र686268326745678067883426
तृण भूमि265538915117015001513

(क) उस भू-उपयोग वर्ग का नाम लिखें जिसका क्षेत्रफल लगातार घट रहा है।

  • उत्तर: वन क्षेत्र (Forest Area)
    • यह 1801 में 6215 से घटकर 2000 में 3454 रह गया है।
    • यह दर्शाता है कि समय के साथ वनों की कटाई बढ़ी है।

(ख) फसल क्षेत्र के लगातार बढ़ने का मुख्य कारण स्पष्ट करें।

  • उत्तर:
    • जनसंख्या वृद्धि के कारण खाद्य की मांग बढ़ी।
    • अधिक उत्पादन के लिए अधिक भूमि की आवश्यकता हुई।
    • सिंचाई के साधनों में सुधार हुआ।
    • हरित क्रांति और वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग से खेती का विस्तार हुआ।
    • इन सभी कारणों से फसल क्षेत्र में वृद्धि हुई।

(ग) किस भू-उपयोग वर्ग के अंतर्गत सबसे कम भू-क्षेत्र का उपयोग हुआ है?

  • उत्तर: तृण भूमि (Grassland)
    • यह सभी वर्षों में सबसे कम रहा, जैसे 1801 में 265 और 2000 में 1513।
    • इसका उपयोग मुख्यतः पशुपालन या चारागाह के रूप में होता है।

निष्कर्ष:
इस तालिका से स्पष्ट होता है कि विकास की प्रक्रिया में वन क्षेत्र घटता गया जबकि कृषि भूमि और तृणभूमि का उपयोग बढ़ा है। यह पारिस्थितिक संतुलन के लिए चेतावनी स्वरूप है।

प्रश्न 2: क्षेत्र अध्ययन के लिए प्रश्नावली के विभिन्न विधियों की चर्चा करें।

उत्तर: प्रश्नावली विधि क्षेत्र अध्ययन में डाटा एकत्र करने की एक प्रमुख तकनीक है। यह विधि लोगों से सीधा संपर्क कर जानकारी प्राप्त करने में मदद करती है। प्रश्नावली तैयार करने की कुछ प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं:

  • (1) बंद (Close-ended) प्रश्नावली:
    • इसमें उत्तर पहले से तय होते हैं।
    • उत्तरदाता को विकल्पों में से चयन करना होता है।
    • उदाहरण: हाँ/नहीं, A/B/C विकल्प।
    • यह विधि त्वरित विश्लेषण में सहायक होती है।
  • (2) खुली (Open-ended) प्रश्नावली:
    • उत्तरदाता अपनी बात अपने शब्दों में लिखता है।
    • इससे गहराई से जानकारी मिलती है।
    • विश्लेषण में समय अधिक लगता है।
  • (3) मिश्रित प्रश्नावली:
    • इसमें बंद और खुली दोनों प्रकार के प्रश्न होते हैं।
    • यह विधि संतुलित जानकारी देती है।
  • (4) साक्षात्कार आधारित प्रश्नावली:
    • साक्षात्कारकर्ता द्वारा मौखिक प्रश्न पूछे जाते हैं।
    • उत्तर सीधे रिकॉर्ड किए जाते हैं।
  • (5) ऑनलाइन या मोबाइल प्रश्नावली:
    • तकनीक आधारित तरीका, डिजिटल फॉर्म में।
    • यह समय और संसाधन बचाता है।

निष्कर्ष:
प्रश्नावली विधियों का चयन अध्ययन के उद्देश्य, क्षेत्र और उत्तरदाताओं की सुविधा पर निर्भर करता है।

प्रश्न 3: वायु प्रदूषण के चार स्रोतों का वर्णन करें।

उत्तर: वायु प्रदूषण तब होता है जब हानिकारक गैसें, कण या जीवाणु वायुमंडल में मिल जाते हैं। इसके मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं:

  • (1) वाहनों से उत्सर्जन:
    • बस, कार, ट्रक, मोटरसाइकिल आदि से निकलने वाला धुआँ प्रमुख स्रोत है।
    • यह कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि उत्सर्जित करता है।
  • (2) औद्योगिक गतिविधियाँ:
    • फैक्ट्रियों और पावर प्लांट्स से निकलने वाली गैसें जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, हानिकारक होती हैं।
    • यह वायुमंडल को विषैला बनाती हैं।
  • (3) घरेलू ईंधन जलाना:
    • लकड़ी, कोयला, गोबर जैसे ईंधन के जलने से धुआं उत्पन्न होता है।
    • इससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदूषण होता है।
  • (4) निर्माण कार्य और धूल:
    • सड़कों का निर्माण, इमारतें बनाना आदि से धूल उड़ती है।
    • यह भी वायु को प्रदूषित करती है।

निष्कर्ष:
वायु प्रदूषण के स्रोतों को पहचानकर उनके नियंत्रण के उपाय करना आवश्यक है, ताकि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके।

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