
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 8: “मानचित्र अध्ययन” के इस अध्याय में मानचित्रों के महत्व, प्रकार और उपयोग को विस्तार से समझाया गया है। छात्रों को भारत और विश्व के भौगोलिक मानचित्रों को पढ़ने की कला सिखाई जाती है। यह अध्याय भूगोल की नींव को मजबूत करता है और परीक्षा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पाठ्यपुस्तक | BSTBPC |
कक्षा | कक्षा-9 |
विषय | भूगोल |
अध्याय | अध्याय 8 |
प्रकरण | मानचित्र अध्ययन |
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 8: मानचित्र अध्ययन के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर:
1. कौन-सी मापक विधि सर्वाधिक मान्य है?
(क) प्राकथन
(ख) निरूपक भिन्न ✅
(ग) आरेख
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ख) निरूपक भिन्न
2. मानचित्र की दूरी को मापनी में कैसे जाना जाता है?
(क) अंश
(ख) हर ✅
(ग) मापनी का प्राकथन
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ख) हर
3. मापनी में हर व्यक्त करता है–
(क) धरातल की दूरी ✅
(ख) मानचित्र पर दूरी
(ग) दोनों दूरियां
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (क) धरातल की दूरी
4. निम्नलिखित में से कौन सा मापक निरूपक भिन्न का है?
(क) मीटर
(ख) सेंटीमीटर
(ग) इंच
(घ) इनमें से कोई नहीं ✅
उत्तर: (घ) इनमें से कोई नही
5. निम्न में किस मापनी के द्वारा किलोमीटर और मील दोनों की दूरियों को दर्शाया जा सकता है?
(क) रेखीय मापनी
(ख) आरेखीय मापनी
(ग) प्रतिनिधि भिन्न
(घ) तुलनात्मक मापनी ✅
उत्तर: (घ) तुलनात्मक मापनी
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 8: मानचित्र अध्ययन के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:
प्रश्न 1. मापक क्या है? मापक का क्या महत्व है? स्पष्ट करें।
उत्तर: मापक वह अनुपात होता है, जो मानचित्र पर बनी दूरी और धरातल की वास्तविक दूरी के बीच संबंध को दर्शाता है। यह किसी मानचित्र की विश्वसनीयता और सटीकता को निर्धारित करता है। मापक के माध्यम से हम मानचित्र पर बनी दूरियों को धरातल की वास्तविक दूरी में परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे अध्ययन आसान होता है।
प्रश्न 2. मापक को प्रदर्शित करने की विधियां बताएं।
उत्तर: मापक को तीन मुख्य विधियों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है:
- प्राकथन विधि (Statement Scale)
- प्रतिनिधि भिन्न या निरूपक भिन्न (Representative Fraction)
- रेखीय अथवा आलेखी विधि (Linear Scale)
इन विधियों का प्रयोग मानचित्र पर दूरी की जानकारी देने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 3. प्रतिनिधि अथवा प्रदर्शक भिन्न क्या है?
उत्तर: प्रतिनिधि अथवा प्रदर्शक भिन्न एक ऐसी विधि है जिसमें मानचित्र पर दर्शाई गई दूरी को धरातल की दूरी के साथ एक भिन्न के रूप में व्यक्त किया जाता है। उदाहरण: 1:100000 इसका अर्थ है मानचित्र पर 1 इकाई = धरातल पर 1 लाख इकाइयाँ।
प्रश्न 4. मापक कितने प्रकार का होता है?
उत्तर: मापक तीन प्रकार के होते हैं:
- प्राकथन मापक – शब्दों में दूरी बताई जाती है।
- प्रतिनिधि भिन्न मापक – संख्यात्मक भिन्न के रूप में होता है।
- रेखीय मापक – एक रेखा खींचकर दूरी का आरेख बनाते हैं।
प्रश्न 5. मापक की दो विभिन्न प्रगतियां कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: मापक की दो प्रमुख प्रगतियां निम्नलिखित हैं:
- लघु मापक (Small Scale) – बड़े क्षेत्र को छोटे मापक में दिखाया जाता है।
- वृहद मापक (Large Scale) – छोटे क्षेत्र का विस्तार से विवरण प्रदान करता है।
प्रश्न 6. प्रदर्शक भिन्न विधि को सर्वमान्य विधि क्यों कहा जाता है?
उत्तर: प्रदर्शक भिन्न विधि को सर्वमान्य इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह मापन की इकाई से स्वतंत्र होती है और विश्वभर में इसे आसानी से समझा जा सकता है। यह सरल, सटीक और गणनात्मक दृष्टि से उपयोगी होती है।
प्रश्न 7. आलेखी विधि के मुख्य उपयोग क्या हैं?
उत्तर: आलेखी विधि के मुख्य उपयोग निम्नलिखित हैं:
- यह दृष्टिगत रूप से दूरी की समझ प्रदान करती है।
- अशिक्षित व्यक्ति भी इसका प्रयोग कर सकता है।
- यह सीधे मापने में सहायक होती है और दूरी का तुलनात्मक अध्ययन आसान बनाती है।
प्रश्न 8. तुलनात्मक मापक की क्या विशेषताएं हैं?
उत्तर: तुलनात्मक मापक वह विधि है जिससे एक साथ दो या अधिक इकाइयों (जैसे किलोमीटर और मील) में दूरी को दर्शाया जाता है। इसकी विशेषताएं:
- दो भिन्न मापन प्रणालियों में दूरी दर्शाई जाती है।
- यह अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए उपयुक्त है।
- इससे विभिन्न देशों के लोग आसानी से समझ सकते हैं।
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 8: मानचित्र अध्ययन के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:
प्रश्न 1: मापन क्या है? मानचित्र के लिए इसका क्या महत्व है? मापक को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न विधियों का विस्तृत वर्णन करें।
उत्तर : मापक वह अनुपात है जो मानचित्र पर किसी वस्तु या दूरी को धरातल पर उसकी वास्तविक दूरी के साथ दर्शाता है। इसका उपयोग किसी मानचित्र को पढ़ने और समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
मापक का महत्व:
- मापक के द्वारा मानचित्र पर दर्शाई गई दूरी को धरातल की वास्तविक दूरी में बदला जा सकता है।
- यह मानचित्र की विश्वसनीयता और उपयोगिता को बढ़ाता है।
- अध्ययन और विश्लेषण को सरल बनाता है।
मापक को प्रदर्शित करने की विधियां:
- कथनात्मक मापक (Statement Scale):
- इसमें शब्दों द्वारा दूरी बताई जाती है।
- उदाहरण: 1 सेमी = 1 किलोमीटर।
- प्रदर्शक भिन्न (Representative Fraction):
- इसमें मापक को एक भिन्न रूप में दर्शाया जाता है।
- जैसे: 1:100000 का अर्थ है मानचित्र पर 1 इकाई = धरातल पर 1 लाख इकाइयाँ।
- यह सबसे मानक और वैश्विक विधि मानी जाती है।
- रैखिक मापक (Linear Scale):
- इसमें एक सीधी रेखा खींचकर उस पर दूरी के अनुपात को दर्शाया जाता है।
- इससे दृष्टिगत दूरी मापना आसान होता है।
निष्कर्ष:
मापक किसी भी मानचित्र का मूल आधार होता है। बिना मापक के कोई भी मानचित्र उपयोगी नहीं माना जाता।
प्रश्न 2: निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए –
(i) प्रदर्शन भिन्न (Representative Fraction):
- इसे प्रतिनिधि भिन्न या निरूपक भिन्न भी कहा जाता है।
- इसमें मापक को इस रूप में दर्शाया जाता है: 1:50000
- इसका अर्थ है मानचित्र पर 1 इकाई दूरी, धरातल की 50000 इकाइयों के बराबर है।
- यह मापन की इकाइयों से स्वतंत्र होती है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय मानचित्रों में सबसे अधिक उपयोग की जाती है।
(ii) रैखिक मापक (Linear Scale):
- इसमें एक रेखा खींची जाती है जिसे कुछ खंडों में विभाजित कर प्रत्येक खंड की दूरी अंकित की जाती है।
- इस रेखा से किसी भी दूरी को सीधे मापा जा सकता है।
- यह अशिक्षित व्यक्ति के लिए भी उपयोगी होता है।
- इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि छपाई या फोटोकॉपी से इसका मापक प्रभावित नहीं होता।
(iii) कथनात्मक मापक (Statement Scale):
- इसमें मापक को वाक्य रूप में लिखा जाता है।
- जैसे: “1 सेमी = 1 किलोमीटर”
- यह सरल होता है लेकिन इकाई परिवर्तन की आवश्यकता होती है।
- विभिन्न देशों में अलग मापन प्रणालियों के कारण इसकी उपयोगिता सीमित है।