
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4 “जलवायु” भारत की जलवायु की विशेषताओं को विस्तार से समझाने में सहायक है। इसमें भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक, ऋतुएँ और मौसमी परिवर्तन शामिल हैं। यह अध्याय छात्रों को जलवायु और मौसम के बीच अंतर और उनके प्रभावों को समझने में मदद करता है।
पाठ्यपुस्तक | BSTBPC |
कक्षा | कक्षा-9 |
विषय | भूगोल |
अध्याय | अध्याय 4 |
प्रकरण | जलवायु |
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4: जलवायु के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर:
📘 वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
1. जाड़े में तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा का क्या कारण है?
(क) दक्षिण-पश्चिम मानसून
(ख) उत्तर-पूर्वी मानसून ✅
(ग) शीतोषणीय कटिबंधीय चक्रवात
(घ) स्थानीय वायु परिसंचरण
उत्तर: (ख) उत्तर-पूर्वी मानसून
2. दक्षिण भारत के संदर्भ में कौन सा तथ्य गलत है?
(क) दैनिक तापांतर कम होता है।
(ख) वार्षिक तापांतर कम होता है।
(ग) तापांतर वर्ष भर अधिक रहता है। ✅
(घ) विषम जलवायु पायी जाती है।
उत्तर: (ग) तापांतर वर्ष भर अधिक रहता है।
3. जब सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है तो उसका क्या प्रभाव होता है?
(क) उत्तरी पश्चिमी भारत में उच्च वायुदाब रहता है।
(ख) उत्तरी पश्चिमी भारत में निम्न वायुदाब रहता है। ✅
(ग) तापमान और वायुदाब में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
(घ) मानसून लौटने लगता है।
उत्तर: (ख) उत्तरी पश्चिमी भारत में निम्न वायुदाब रहता है।
4. विश्व में सबसे अधिक वर्षा किस स्थान पर होती है?
(क) सिलचर
(ख) चेरापूंजी
(ग) मौसीमराम ✅
(घ) गुवाहाटी
उत्तर: (ग) मौसीमराम
5. मई महीने में पश्चिम बंगाल में चलने वाली धूल भरी आंधी को क्या कहते हैं?
(क) लू
(ख) व्यापारिक पवन
(ग) काल वैशाखी ✅
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग) काल वैशाखी
6. भारत में दक्षिण-पश्चिमी मानसून का आगमन कब से होता है?
(क) 1 मई से
(ख) 1 जून से ✅
(ग) 1 जुलाई से
(घ) 1 अगस्त से
उत्तर: (ख) 1 जून से
7. जाड़े में सबसे ज्यादा ठंडा कहां पड़ता है?
(क) गुलमर्ग
(ख) पहलगाँव ✅
(ग) खिलनमर्ग
(घ) जम्मू
उत्तर: (ख) पहलगाँ
8. उत्तर-पश्चिमी भारत में शीतकालीन वर्षा का क्या कारण है?
(क) उत्तर-पूर्वी मानसून
(ख) दक्षिण-पश्चिम मानसून
(ग) पश्चिमी विक्षोभ ✅
(घ) उष्णकटिबंधीय चक्रवात
उत्तर: (ग) पश्चिमी विक्षो
9. ग्रीष्म ऋतु का कौन स्थानीय तूफान है जो कहवा की खेती के लिए उपयोगी होता है?
(क) आम्र वर्षा ✅
(ख) फूलों वाली बौछार
(ग) काल बैशाखी
(घ) लू
उत्तर: (क) आम्र वर्षा
✍️ कोष्टक में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों को भरें:
(क) जनवरी में चेन्नई का तापमान कोलकाता से अधिक रहता है।
(ख) उत्तर भारत में वर्षा पूरब की अपेक्षा पश्चिम की ओर कम होती है।
(ग) मानसून शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अरब के नाविकों ने किया था।
(घ) पश्चिम घाट पहाड़ के पश्चिमी भाग में अधिक वर्षा होती है।
(ड़) पर्वत का पवन विमुख भाग वर्षा छाया (वृद्धि छाया) का प्रदेश होता है।
💡 निम्नलिखित में भौगोलिक कारण बताएं:
(क) पश्चिमी राजस्थान एक मरुस्थल है।
- यहाँ वर्षा अत्यंत कम होती है (20 से 40 सेमी वार्षिक)।
- अरावली पर्वतमाला मानसून को रोकने में असमर्थ है क्योंकि यह समानांतर दिशा में है।
- उच्च तापमान व सूखी हवाओं के कारण नमी वाष्पित हो जाती है।
➡ इसलिए यह क्षेत्र शुष्क और रेतीला मरुस्थल बन गया है।
(ख) तमिलनाडु में जाड़े में वर्षा होती है।
- जाड़े में भारत में उत्तर-पूर्वी मानसून सक्रिय रहता है।
- यह बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर तमिलनाडु के तट पर वर्षा करता है।
- दक्षिण भारत, खासकर तमिलनाडु, इसकी प्रमुख लाभार्थी है।
➡ इसलिए यहाँ जाड़े में वर्षा होती है।
(ग) भारतीय कृषि मानसून के साथ जुआ है।
- भारत की 60% से अधिक कृषि वर्षा पर निर्भर करती है।
- मानसून की समय पर और पर्याप्त वर्षा से फसलें अच्छी होती हैं।
- यदि मानसून देर से आए या कमजोर हो, तो सूखा पड़ता है और फसलें नष्ट हो जाती हैं।
➡ इसलिए भारतीय कृषि को मानसून पर आधारित ‘जुआ’ कहा जाता है।
(घ) मौसिमराम में विश्व की सर्वाधिक वर्षा होती है।
- मौसिमराम मेघालय के खासी पहाड़ियों में स्थित है।
- दक्षिण-पश्चिम मानसून की नमीयुक्त हवाएँ खासी की पर्वत-ढाल से टकराती हैं।
- पर्वतीय बाधा के कारण यहां अधिक वर्षा होती है (1000 सेमी से अधिक)।
➡ इसलिए मौसिमराम विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान है।
(ड) ऊटी में सालों भर तापमान काफी नीचे रहता है।
- ऊटी समुद्र तल से लगभग 2,240 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- ऊँचाई बढ़ने पर तापमान घटता है (प्रति 165 मीटर पर 1°C)।
- पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण यहाँ की जलवायु शीतोष्ण होती है।
➡ इसलिए ऊटी का तापमान पूरे साल कम रहता है।
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4: जलवायु के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:
(क) जाड़े के दिनों में भारत में कहाँ-कहाँ वर्षा होती है?
जाड़े में भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों जैसे पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में वर्षा होती है। यह वर्षा पश्चिमी विक्षोभ के कारण होती है जो भूमध्य सागर से आती है। यह वर्षा गेहूं जैसी रबी फसलों के लिए लाभकारी होती है।
(ख) फेरेल का क्या नियम है?
फेरेल के नियम के अनुसार, पृथ्वी के घूर्णन के कारण वायुधाराएं उत्तरी गोलार्ध में दाईं ओर और दक्षिणी गोलार्ध में बाईं ओर मुड़ जाती हैं। इसका प्रभाव मानसून की दिशा पर भी पड़ता है और यह भारत में मौसमी पवनों की दिशा को प्रभावित करता है।
(ग) जेट स्ट्रीम क्या है?
जेट स्ट्रीम उच्च वायुमंडलीय स्तर पर चलने वाली तेज गति की पवनें होती हैं। यह लगभग 8 से 12 किमी की ऊँचाई पर चलती हैं और 150–300 किमी प्रति घंटा की गति से बहती हैं। ये भारत में मानसून के आगमन और वापसी को प्रभावित करती हैं।
(घ) भारतीय मानसून की तीन प्रमुख विशेषताएं बताएं।
- यह मौसमी हवाएँ हैं, जो वर्ष में एक दिशा में बहती हैं।
- मानसून वर्षा असमान और अनियमित होती है।
- मानसून का आगमन और वापसी निश्चित समय पर नहीं होता, जिससे कृषि पर असर पड़ता है।
(ड) लू से आप क्या समझते हैं?
लू एक प्रकार की शुष्क और गर्म हवा होती है जो अप्रैल से जून के बीच उत्तरी भारत में चलती है। यह दोपहर के समय चलती है और तापमान 45°C तक पहुंच सकता है। लू से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, जैसे लू लगना या निर्जलीकरण।
(च) मानसून का विस्फोट क्या है?
मानसून का विस्फोट वह स्थिति है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून अचानक तेज़ हवाओं, बिजली और भारी वर्षा के साथ प्रवेश करता है। यह आमतौर पर केरल तट पर जून के पहले सप्ताह में होता है। इसे मानसून का जोरदार और तीव्र प्रारंभ कहा जाता है।
(छ) भारत में अत्यधिक गर्म और ठंड क्षेत्र का नाम बताइए।
भारत में अत्यधिक गर्म क्षेत्र राजस्थान का फालोदी है, जहाँ तापमान 50°C तक पहुँचता है। अत्यधिक ठंड क्षेत्र जम्मू-कश्मीर का द्रास है, जहाँ तापमान -45°C तक गिर जाता है। ये दोनों स्थान भारत के चरम तापमान क्षेत्र माने जाते हैं।
बिहार बोर्ड कक्षा 9 भूगोल अध्याय 4: जलवायु के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:
(क) भारत की मानसूनी जलवायु के क्षेत्रीय विभिन्नताओं का सोदाहरण समझाएं।
भारत में मानसून की जलवायु में क्षेत्रीय विभिन्नताएँ स्पष्ट रूप से देखी जाती हैं। यह विभिन्नताएँ भूगोलिक स्थिति, स्थलाकृति, और समुद्र से दूरी जैसे कारकों पर निर्भर करती हैं।
मुख्य क्षेत्रीय विभिन्नताएँ:
- वर्षा की मात्रा में अंतर: मौसिमराम (मेघालय) में सालाना 1000 से अधिक सेमी वर्षा होती है जबकि जैसलमेर (राजस्थान) में केवल 10 सेमी।
- मानसून के आगमन का समय: मानसून सबसे पहले केरल में जून के पहले सप्ताह में आता है जबकि पंजाब में जुलाई तक पहुँचता है।
- तापमान में भिन्नता: थार मरुस्थल में गर्मी में तापमान 50°C तक जाता है जबकि ऊटी या शिलॉंग में यह 25°C के आसपास रहता है।
- वर्षा का समय: तमिलनाडु को मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व मानसून (अक्तूबर-नवम्बर) से वर्षा मिलती है, जबकि अधिकांश भारत को दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितम्बर) से।
निष्कर्ष:
भारत की विशालता और विविध स्थलाकृति के कारण, मानसूनी जलवायु हर क्षेत्र में भिन्न-भिन्न रूप में दिखाई देती है।
(ख) भारत में कितनी ऋतुएँ पाई जाती है? किसी एक का भौगोलिक विवरण दीजिए।
भारत में कुल चार प्रमुख ऋतुएँ पाई जाती हैं:
- शीत ऋतु (जनवरी–फरवरी)
- ग्रीष्म ऋतु (मार्च–मई)
- दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून–सितंबर)
- शरद ऋतु या मानसून वापसी (अक्टूबर–दिसंबर)
ग्रीष्म ऋतु का भौगोलिक विवरण:
- अवधि: मार्च से मई तक।
- तापमान: अधिकतम तापमान उत्तरी भारत में 45°C तक पहुंचता है।
- प्रमुख हवाएँ: गर्म और शुष्क लू चलती है जो जनस्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है।
- वर्षा: कुछ क्षेत्रों में स्थानीय तूफानों (आंधियों) से वर्षा होती है जैसे बंगाल में “कालबैशाखी” और केरल में “चेरापूंजी की आम की वर्षा”।
- वायुदाब: उत्तर-पश्चिम भारत में निम्न वायुदाब बनता है, जो मानसून के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
निष्कर्ष:
ग्रीष्म ऋतु मानसून की तैयारी की अवधि होती है जो वातावरण को मौसमी बदलाव के लिए तैयार करती है।
(ग) भारत की जलवायु के मुख्य कारकों को स्पष्ट कीजिए।
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:
- अक्षांशीय स्थिति: भारत कर्क रेखा के आसपास स्थित है जिससे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु दोनों का प्रभाव होता है।
- समुद्र से दूरी: समुद्र के पास के क्षेत्रों में सम जलवायु पाई जाती है, जैसे मुंबई, जबकि अंदरूनी भागों में विषम जलवायु जैसे दिल्ली।
- ऊँचाई (ऊँचाई का प्रभाव): ऊँचे स्थान जैसे हिमालय और शिलॉंग में तापमान कम होता है।
- पर्वतीय बाधाएं: हिमालय उत्तर से ठंडी हवाओं को आने से रोकता है और मानसून को भारतीय उपमहाद्वीप की ओर मोड़ता है।
- वायुदाब एवं हवाओं की दिशा: दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्वी मानसून भारत की वर्षा को नियंत्रित करते हैं।
- समुद्री धाराएं: हिंद महासागर की धाराएं भारतीय जलवायु को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं।
निष्कर्ष:
इन सभी कारकों के आपसी प्रभाव से भारत की जलवायु विविध, जटिल और अद्वितीय बनती है।
(घ) जेट धाराएं क्या हैं तथा भारतीय जलवायु पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है?
जेट धाराएं उच्च वायुमंडल में 8–12 किमी की ऊंचाई पर बहने वाली तेज गति की पवन धाराएं होती हैं। ये 150–300 किमी/घंटा की गति से बहती हैं और इनका प्रभाव मौसम पर व्यापक रूप से पड़ता है।
प्रभाव भारतीय जलवायु पर:
- शीत ऋतु में: पश्चिमी विक्षोभ जेट धाराओं द्वारा ही भारत की ओर लाया जाता है जिससे उत्तर-पश्चिम भारत में वर्षा होती है।
- ग्रीष्म ऋतु में: जेट धाराएं उत्तर की ओर खिसकती हैं, जिससे थार मरुस्थल में निम्न वायुदाब बनता है और मानसून की स्थिति उत्पन्न होती है।
- मानसून पर प्रभाव: जेट धाराओं की स्थिति मानसून के समय, तीव्रता और अवधि को प्रभावित करती है।
निष्कर्ष:
जेट धाराएं भारत के मौसम चक्र और मानसून को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
(ड) भारत में होने वाले मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
भारत में प्रमुख वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है जो जून से सितंबर तक सक्रिय रहता है।
विशेषताएँ:
- मौसमी प्रकृति: मानसून निश्चित समय में आता और जाता है, परंतु इसकी तीव्रता भिन्न हो सकती है।
- असम समान वितरण: कहीं अधिक (मौसिमराम) तो कहीं कम (राजस्थान) वर्षा होती है।
- मूलतः दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ: जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आकर भारत में वर्षा लाती हैं।
- पर्वतीय बाधाओं का प्रभाव: जैसे पश्चिमी घाटों की पवन-अभिमुख ढाल पर अधिक वर्षा होती है और पवन-विमुख पर कम।
- कृषि पर निर्भरता: भारत की 60% से अधिक कृषि मानसून पर निर्भर है।
निष्कर्ष:
मानसून भारत की जलवायु और आर्थिक जीवन का आधार है, लेकिन इसकी अनिश्चितता बड़ी चुनौती भी है।
(च) एल नीनो एवं ला नीनो में अंतर स्पष्ट कीजिए।
एल नीनो और ला नीनो प्रशांत महासागर में तापमान परिवर्तनों से जुड़ी जलवायु घटनाएँ हैं, जो वैश्विक मौसम को प्रभावित करती हैं।
पहलु | एल नीनो | ला नीनो |
---|---|---|
परिभाषा | प्रशांत महासागर में सतही जल गर्म हो जाता है | सतही जल सामान्य से ठंडा हो जाता है |
प्रभाव | भारत में मानसून कमजोर हो सकता है | भारत में मानसून सामान्य या प्रबल हो सकता है |
वायुदाब | दक्षिण अमेरिका में निम्न वायुदाब | ऑस्ट्रेलिया में निम्न वायुदाब |
परिणाम | सूखा, वर्षा में कमी | अधिक वर्षा, बाढ़ की संभावना |
निष्कर्ष:
एल नीनो और ला नीनो वैश्विक और भारतीय मौसम प्रणाली पर गहरा प्रभाव डालते हैं, विशेष रूप से मानसून पर।