
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ख) रासायनिक आपदा में हम सीखते हैं कि रासायनिक पदार्थों के रिसाव, धमाकों या लापरवाही से गंभीर आपदाएं हो सकती हैं।
यह पाठ छात्रों को ऐसे हादसों के कारण, प्रभाव और बचाव के तरीके सरल भाषा में समझाता है, जिससे वे अधिक जागरूक और सतर्क नागरिक बन सकें।
पाठ्यपुस्तक | NCERT / SCERT |
कक्षा | कक्षा-09 |
विषय | आपदा प्रबंधन |
अध्याय | अध्याय 11 (ख) |
प्रकरण | रासायनिक आपदा |
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ख) रासायनिक आपदा के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर:
1. भोपाल में रासायनिक गैस रिसाव कब हुआ था?
(क) 1984 ✅
(ख) 1990
(ग) 1930
(घ) 2004
उत्तर: (क) 1984
2. तूतीकोरिन में 1997 ई. में गैस रिसाव से कौन सी बीमारी उत्पन्न हुई थी?
(क) उल्टी होना
(ख) सर्दी एवं खांसी
(ग) उल्टी होना एवं छाती में जलन ✅
(घ) मस्तिष्क ज्वर
उत्तर: (ग) उल्टी होना एवं छाती में जलन
3. अम्लीय वर्षा का सर्वाधिक प्रभाव कहां पड़ा है?
(क) पटना महानगर
(ख) दामोदर घाटी क्षेत्र ✅
(ग) उत्तरी बिहार
(घ) असम घाटी क्षेत्र
उत्तर: (ख) दामोदर घाटी क्षेत्र
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ख) रासायनिक आपदा के लघु उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर:
1. किस देश द्वारा गैस के प्रयोग से यहूदियों को मारा गया था?
उत्तर: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा यहूदियों को मारने के लिए गैस का प्रयोग किया गया था। हिटलर के शासन में गैस चैंबरों में ज़ायक्लोन-बी नामक जहरीली गैस का उपयोग कर लाखों यहूदियों की हत्या की गई थी। यह मानव इतिहास की सबसे भीषण रासायनिक त्रासदियों में से एक है।
2. कीटनाशक में किस रासायनिक पदार्थ का प्रयोग होता है?
उत्तर: कीटनाशकों में आमतौर पर फॉस्जीन, मेथाइल आइसोसाइनेट (MIC), डीडीटी, और ऑर्गेनोफॉस्फेट जैसे रासायनिक पदार्थों का प्रयोग होता है। इनका अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक होता है। विशेष रूप से भोपाल गैस त्रासदी में मेथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई थी।
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ख) रासायनिक आपदा के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर:
1. गैस रिसाव होने पर किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए?
उत्तर: गैस रिसाव एक खतरनाक रासायनिक आपदा है, जो स्वास्थ्य और जीवन दोनों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है। ऐसी स्थिति में सावधानी अत्यंत आवश्यक होती है।
सावधानियाँ:
- जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर जाएँ। खुले और ऊँचे स्थानों की ओर भागें।
- मुँह और नाक को गीले कपड़े से ढकें, ताकि जहरीली गैस शरीर में प्रवेश न कर सके।
- बिजली के उपकरण बंद करें, जिससे आग लगने का खतरा न हो।
- खिड़की-दरवाज़े बंद कर लें ताकि गैस घर के अंदर प्रवेश न करे।
- सरकारी या आपदा राहत टीम के निर्देशों का पालन करें।
- बच्चों, वृद्धों और बीमार व्यक्तियों की विशेष देखभाल करें।
- गैस प्रभावित क्षेत्र से पानी या खाना न लें, क्योंकि वह जहरीला हो सकता है।
- गंभीर स्थिति में अस्पताल जाएँ।
निष्कर्ष: गैस रिसाव के समय सही जानकारी और सतर्कता से हम बड़े नुकसान को टाल सकते हैं।
2. रासायनिक आपदा के अंतर्गत आने वाली समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर: रासायनिक आपदा वह होती है जब किसी उद्योग, फैक्ट्री या अन्य स्रोत से जहरीले रसायन अनजाने या लापरवाही से बाहर निकलते हैं और वातावरण को प्रदूषित कर देते हैं।
मुख्य समस्याएँ:
- स्वास्थ्य समस्याएँ: जैसे – त्वचा जलना, सांस लेने में कठिनाई, कैंसर, आंखों की जलन और मौत।
- मानव मृत्यु और घायल होना: जैसे भोपाल गैस त्रासदी में हजारों लोग मरे और लाखों प्रभावित हुए।
- पर्यावरण प्रदूषण: मिट्टी, जल और वायु लंबे समय तक प्रदूषित हो जाते हैं।
- पशु और पौधों का नाश: कई जानवर मर जाते हैं और फसलें नष्ट हो जाती हैं।
- स्थानीय जीवन बाधित: लोग पलायन कर जाते हैं, आर्थिक गतिविधियाँ बंद हो जाती हैं।
- मानसिक तनाव और भय: लोग सदमे में आ जाते हैं और लंबे समय तक मानसिक असर रहता है।
- साफ-सफाई और पुनर्वास में कठिनाई: प्रभावित क्षेत्रों की सफाई और पुनर्निर्माण में समय और पैसा लगता है।
निष्कर्ष: रासायनिक आपदाएं अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न करती हैं, इसलिए उनसे बचाव और समय पर कार्रवाई बेहद ज़रूरी है।
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