Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ग) जैविक आपदा

Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ग) जैविक आपदा

Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ग) जैविक आपदा में, हम सीखते हैं कि जब जीवाणु, विषाणु या अन्य सूक्ष्मजीव जानबूझकर या असावधानी से फैलते हैं, तो वे जैविक आपदाओं का रूप ले सकते हैं।

यह पाठ छात्रों को सिखाता है कि जैविक आपदाओं के कारण, प्रभाव और बचाव के तरीके क्या हैं और हम उनसे कैसे सतर्क रह सकते हैं।

पाठ्यपुस्तकNCERT / SCERT
कक्षाकक्षा-09
विषयआपदा प्रबंधन
अध्यायअध्याय 11 (ग)
प्रकरणजैविक आपदा

Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ग) जैविक आपदा के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर:

1. डेंगू बीमारी का क्या कारण है?

(क) आग लगने से
(ख) एक बर्तन में अधिक समय तक पानी रहने से ✅
(ग) बाढ़ आने से
(घ) गंदे भोजन से
उत्तर: (ख)

2. एंथ्रेक्स क्या है?

(क) अति सूक्ष्मजीव ✅
(ख) युद्धपोत
(ग) जंगली जानवर
(घ) युद्ध का एक अस्त्र
उत्तर: (क)

3. भारत में एड्स से लगभग कितने लोग प्रभावित हैं?

(क) 25 लाख ✅
(ख) 30 लाख
(ग) 1 करोड़
(घ) 50 लाख
उत्तर: (क)

Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ग) जैविक आपदा के लघु उत्तर प्रश्नों का उत्तर:

1. प्लेग और हैजा का क्या कारण है?

उत्तर: प्लेग एक संक्रामक रोग है जो यर्सिनिया पेस्टिस नामक जीवाणु से फैलता है, जो संक्रमित चूहों और पिस्सुओं के माध्यम से मनुष्यों में पहुंचता है।
हैजा एक जलजनित रोग है जो वाइब्रियो कॉलरे नामक बैक्टीरिया से होता है। यह दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है और दस्त, उल्टी जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है।

2. एड्स की बीमारी के कारणों को बताएं।

उत्तर: एड्स (AIDS) एक घातक बीमारी है, जो एचआईवी (HIV) वायरस के कारण होती है। यह संक्रमित रक्त, असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई या संक्रमित माँ से शिशु को फैलती है। एड्स रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है, जिससे वह अन्य बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाता है।

3. हेपाटाइटिस बीमारी के कारणों को बताएं।

उत्तर: हेपाटाइटिस एक संक्रामक रोग है जो यकृत (लीवर) को प्रभावित करता है। यह हेपाटाइटिस वायरस (A, B, C, आदि प्रकार) के कारण होता है। दूषित पानी, संक्रमित रक्त, असुरक्षित सुई और असुरक्षित यौन संबंध इसके प्रमुख कारण हैं। यह बुखार, थकान, और पीलिया जैसे लक्षण उत्पन्न करता है।

Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित आपदाएं (ग) जैविक आपदा के दीर्घ उत्तर प्रश्नों का उत्तर:

1. जैविक आपदा कितने प्रकार के हैं? उनका संक्षिप्त विवरण दें।

उत्तर: जैविक आपदाएं मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं:
(क) प्राकृतिक जैविक आपदाएं
(ख) मानवजनित जैविक आपदाएं

👉 (क) प्राकृतिक जैविक आपदाएं:

  • ये प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होती हैं और वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के कारण फैलती हैं।
  • जैसे – हैजा, मलेरिया, प्लेग, डेंगू, चिकनगुनिया, आदि।
  • ये रोग दूषित पानी, भोजन, वायु या मच्छरों के माध्यम से फैलते हैं।

👉 (ख) मानवजनित जैविक आपदाएं:

  • ये जानबूझकर फैलाए गए रोग या जैविक अस्त्रों के प्रयोग से होती हैं।
  • जैविक युद्ध में प्रयोग किए गए कीटाणु जानबूझकर फैलाकर दुश्मन देश को नुकसान पहुंचाया जाता है।
  • जैसे – एंथ्रेक्स, बोटुलिज़्म, स्मॉलपॉक्स, आदि।

निष्कर्ष: इन दोनों प्रकार की जैविक आपदाएं स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज के लिए बहुत घातक होती हैं और इनसे बचाव के लिए सावधानी और जागरूकता आवश्यक है।

2. जैविक अस्त्र क्या है? इससे उत्पन्न समस्याओं का वर्णन करें।

उत्तर: जैविक अस्त्र (Biological Weapons) वे हथियार होते हैं जिनमें बैक्टीरिया, वायरस या विषैले तत्वों का प्रयोग किया जाता है ताकि शत्रु देश के लोगों या सैनिकों को बीमार या मृत किया जा सके। इन्हें जैव युद्ध में प्रयोग किया जाता है।

👉 जैविक अस्त्रों के उदाहरण:

  • एंथ्रेक्स बैक्टीरिया
  • बोटुलिज़्म टॉक्सिन
  • स्मॉलपॉक्स वायरस

👉 समस्याएं:

  1. मानव मृत्यु: बड़े पैमाने पर जनहानि होती है।
  2. स्वास्थ्य संकट: गंभीर बीमारियां फैलती हैं जिनका इलाज कठिन होता है।
  3. अस्पतालों पर दबाव: स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जाती है।
  4. भय और आतंक: जनता में डर का माहौल बनता है।
  5. पर्यावरणीय नुकसान: मिट्टी, जल और वायु प्रदूषित हो जाते हैं।
  6. लंबे समय तक प्रभाव: इनका असर कई वर्षों तक बना रह सकता है।

निष्कर्ष: जैविक अस्त्र अमानवीय हैं और इनका उपयोग अंतरराष्ट्रीय नियमों द्वारा प्रतिबंधित है, क्योंकि ये पूरे समाज के लिए घातक होते हैं।

3. जैविक आपदा से बचाव के उपाय बताएं।

उत्तर: जैविक आपदाओं से बचाव के लिए व्यक्तिगत, सामुदायिक और सरकारी स्तर पर सावधानी बरतनी चाहिए।

👉 प्रमुख उपाय:

  1. साफ-सफाई बनाए रखना: भोजन, पानी और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें।
  2. टीकाकरण: आवश्यक बीमारियों के लिए समय पर वैक्सीन लें।
  3. संक्रमित व्यक्ति से दूरी: रोगी व्यक्ति से दूरी बनाएं और मास्क पहनें।
  4. दूषित जल से बचाव: उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पीएं।
  5. कीटनाशक उपयोग: मच्छर और मक्खियों से बचने के लिए उचित कीटनाशकों का प्रयोग करें।
  6. स्वास्थ्य जागरूकता: लोगों को जैविक बीमारियों के लक्षण और बचाव की जानकारी दी जाए।
  7. सरकारी निगरानी: संदिग्ध बीमारियों पर सरकार द्वारा तुरंत नियंत्रण किया जाए।

निष्कर्ष: सतर्कता, जागरूकता और उचित इलाज से जैविक आपदाओं के प्रभाव को काफी हद तक रोका जा सकता है।

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