
Bihar Board Class 10 भूगोल अध्याय 6: मानचित्र अध्ययन के इस अध्याय में हमलोग मैट्रिक वार्षिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण अब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव प्रश्नों का आध्यान करेंगे ।
पाठ्यपुस्तक | BSTBPC |
कक्षा | कक्षा-10 |
विषय | भूगोल |
अध्याय | अध्याय 6 |
प्रकरण | मानचित्र अध्ययन |
Bihar Board Class 10 भूगोल अध्याय 6: मानचित्र अध्ययन के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर:
1. उच्चावच प्रदर्शन के लिए हैश्यूर विधि का विकास किसने किया था?
(क) गुटेनबर्ग
(ख) लेहमान
(ग) गिगर
(घ) रिटर
उत्तर: (ग) गिगर
2. पर्वतीय छायाकरण विधि में भू आकृतियों पर किस दिशा से प्रकाश पढ़ने की कल्पना की जाती है?
(क) उत्तर-पूर्व
(ख) पूर्व-दक्षिण
(ग) उत्तर-पश्चिम
(घ) दक्षिण-पश्चिम
उत्तर: (ग) उत्तर-पश्चिम
3. छोटी, महीन एवं खंडित रेखाओं को ढाल की दिशा में खींच कर उच्चावच प्रदर्शन की विधि को क्या कहा जाता है?
(क) स्तर रंजन
(ख) पर्वतीय छायाकरण
(ग) हैश्यूर
(घ) तल चिन्ह
उत्तर: (ग) हैश्यूर
4. तल चिन्ह की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गयी ऊंचाई को क्या कहा जाता है?
(क) स्थानिक ऊंचाई
(ख) विशेष ऊंचाई
(ग) समोच्च रेखा
(घ) त्रिकोणमितीय स्टेशन
उत्तर: (क) स्थानिक ऊंचाई
5. स्तर रंजन के अंतर्गत मानचित्रों में नीले रंग से किस भाग को दिखाया जाता है?
(क) पर्वत
(ख) पठार
(ग) मैदान
(घ) जल
उत्तर: (घ) जल
Bihar Board Class 10 भूगोल अध्याय 6: मानचित्र अध्ययन के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:
1. हैश्यूर विधि तथा पर्वतीय छायाकरण विधि में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: हैश्यूर विधि में ढाल की दिशा में छोटी, महीन और खंडित रेखाओं का उपयोग किया जाता है ताकि धरातल की ऊंचाई और ढाल का प्रदर्शन किया जा सके। जबकि पर्वतीय छायाकरण विधि में भू-आकृतियों पर उत्तर-पश्चिम दिशा से प्रकाश पड़ने की कल्पना की जाती है, जिससे आकृतियों पर छाया का प्रदर्शन होता है। हैश्यूर विधि में रेखाओं की गहनता के आधार पर ढाल की तीव्रता दर्शाई जाती है, जबकि छायाकरण विधि में छाया की तीव्रता भू-आकृति के आकार को स्पष्ट करती है।
2. तल चिन्ह और स्थानिक ऊंचाई क्या है?
उत्तर: तल चिन्ह एक मानचित्र पर किसी विशेष स्थान की मापी गई ऊँचाई को दर्शाता है। यह मानचित्र पर ऊँचाई के बिंदुओं को स्पष्ट रूप से दिखाता है। स्थानिक ऊंचाई किसी स्थान की वास्तविक ऊँचाई है, जो समुद्र तल से मापी जाती है। इसे आमतौर पर मीटर में व्यक्त किया जाता है। तल चिन्ह और स्थानिक ऊँचाई दोनों ही भू-आकृतियों को समझने में मदद करते हैं और भौगोलिक अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
3. समोच्च रेखा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: समोच्च रेखाएं भू-आकृति का एक चित्रण होती हैं, जिनमें समान ऊंचाई वाले बिंदुओं को एक साथ मिलाकर खींचा जाता है। ये रेखाएं मानचित्रों पर किसी क्षेत्र की ऊंचाई में अंतर को दिखाती हैं। इन रेखाओं के बीच की दूरी से यह समझा जाता है कि भूमि की ढलान कितनी तीव्र या सौम्य है।
4. स्तर रंजन क्या है?
उत्तर: स्तर रंजन एक विधि है जिसका उपयोग मानचित्रों में विभिन्न ऊंचाई और भू-आकृतियों को विभिन्न रंगों द्वारा दर्शाने के लिए किया जाता है। इसमें नीला रंग जल को, हरा रंग मैदान को, पीला रंग पठार को और भूरे रंग के विभिन्न शेड्स पर्वतीय क्षेत्रों को दर्शाते हैं। इससे मानचित्रों पर विभिन्न ऊंचाई के स्थानों को सरलता से पहचाना जा सकता है।
Bihar Board Class 10 भूगोल अध्याय 6: मानचित्र अध्ययन के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:
1. उच्चावच प्रदर्शन की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: उच्चावच प्रदर्शन के लिए कई प्रमुख विधियाँ हैं, जिनमें सबसे सामान्य है समोच्च रेखा विधि। इस विधि में समान ऊंचाई वाले बिंदुओं को एक साथ मिलाकर रेखाएँ बनाई जाती हैं, जो भू-आकृति की ऊँचाई को दर्शाती हैं। दूसरी विधि है हैश्यूर विधि, जिसमें ढाल की दिशा में छोटी और खंडित रेखाएँ खींची जाती हैं, ताकि उच्चावच का प्रदर्शन किया जा सके। इसके अलावा, छाया तकनीक (शैडो टेक्निक) का उपयोग भी किया जाता है, जिसमें प्रकाश की दिशा से छायाएँ बनाई जाती हैं, जो भू-आकृति को अधिक वास्तविकता में प्रस्तुत करती हैं।
इसके अलावा, रंगीन मानचित्रों का उपयोग भी होता है, जिसमें विभिन्न ऊंचाई को विभिन्न रंगों द्वारा दर्शाया जाता है। जैसे नीला जल के लिए, हरा मैदान के लिए और भूरे रंग के शेड्स पहाड़ी क्षेत्रों के लिए। इन सभी विधियों का उपयोग एकत्रित रूप से किया जाता है ताकि भू-आकृति को स्पष्ट और संपूर्ण रूप से समझा जा सके।
2. समोच्च रेखा क्या है? इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के ढालों का प्रदर्शन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर: समोच्च रेखा ऐसी रेखा है जो समान ऊंचाई वाले बिंदुओं को आपस में जोड़ती है। यह रेखाएँ मानचित्र पर एक विशेष क्षेत्र की ऊँचाई को दर्शाने के लिए उपयोग की जाती हैं। जब समोच्च रेखाएँ एक-दूसरे के करीब होती हैं, तो इसका अर्थ है कि ढाल तेज है, यानी भूमि की ऊँचाई जल्दी बदल रही है। जबकि जब रेखाएँ दूर-दूर होती हैं, तो ढाल मृदु होती है, जिसका अर्थ है कि भूमि की ऊँचाई धीरे-धीरे बदल रही है।
समोच्च रेखाओं की दिशा से यह भी पता चलता है कि भूमि का ढलान किस दिशा में है। यदि रेखाएँ “V” आकार में मिलती हैं, तो यह एक नदी या नाले के पास होता है, जबकि समोच्च रेखाएँ एक गोलाकार आकार में होती हैं, तो यह पहाड़ी के शीर्ष को दर्शाता है। इस प्रकार, समोच्च रेखाएँ भौगोलिक मानचित्र में विभिन्न प्रकार के ढालों और भू-आकृतियों को स्पष्ट करने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं।
Bihar Board Class 10 भूगोल अध्याय 6: मानचित्र अध्ययन के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर:
1. पहाड़ी छायाकरण विधि में भूआकृतियों पर किस दिशा से प्रकाश पड़ने की कल्पना की जाती है?
(क) उत्तर-पूर्व
(ख) दक्षिण-पूर्व
(ग) पश्चिमोत्तर
(घ) दक्षिण-पश्चिम
उत्तर: (ग) पश्चिमोत्तर
2. यदि भूमि की ढाल को छोटी-छोटी और सटी हुई रेखाओं से प्रदर्शित किया गया हो तो इसे क्या कहा जाता है?
(क) छायाकरण
(ख) हैश्यूर
(ग) समोच्च रेखाएं
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर: (ख) हैश्यूर
3. उच्चावच प्रदर्शन की हैश्यूर विधि का विकास किसने किया था?
(क) गुटेनबर्ग
(ख) लेहमान
(ग) गिगर
(घ) रिटर
उत्तर: (ख) लेहमान
4. भारत के सादे मानचित्र में दक्षिणी पठार को प्रदर्शित करना हो, तो किस रंग से उसकी पुताई करना उपयुक्त होगा?
(क) हरे रंग से
(ख) भूरे रंग से
(ग) नीले रंग से
(घ) काले रंग से
उत्तर: (ख) भूरे रंग से
5. स्तर रंजन विधि में मानचित्र में नीले रंग से किस प्रकार के भाग को दिखाया जाता है?
(क) पर्वत
(ख) पठार
(ग) वन क्षेत्र
(घ) जलीय भाग
उत्तर: (घ) जलीय भाग
6. प्राकृतिक मानचित्र में मरूभूमि को किस रंग से प्रदर्शित किया जाता है?
(क) लाल
(ख) पीला
(ग) नीला
(घ) हरा
उत्तर: (ख) पीला
7. तल चिन्ह की सहायता से चिन्हित ऊंचाई को उस स्थान का क्या कहा जाता है?
(क) विशेष ऊंचाई
(ख) स्थानिक ऊंचाई
(ग) त्रिकोणमितीय स्टेशन
(घ) समोच्च रेखा
उत्तर: (ख) स्थानिक ऊंचाई
8. इनमें उच्चावच प्रदर्शन की सर्वोत्तम विधि कौन मानी जाती है?
(क) पर्वतीय छाया
(ख) हैश्यूर
(ग) कंटूर या समोच्च रेखा
(घ) स्तर रंजन
उत्तर: (ग) कंटूर या समोच्च रेखा
9. इनमें कौन सा कथन सही?
(क) भूमि की ढाल दिखाने के लिए छोटी-छोटी और सटी रेखाओं से भी काम लिया जाता है जिन्हें हैश्यूर कहते हैं।
(ख) प्राकृतिक मानचित्र में मैदानी भाग को हरे रंग से प्रदर्शित किया जाता है।
(ग) समुद्र की सतह के समानांतर समान ऊंचाई वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा समोच्च रेखा या कंटूर कहलाती है।
(घ) उपर्युक्त सभी कथन सही है।
उत्तर: (घ)
10. यदि समोच्च रेखाओं द्वारा किसी नदी को प्रदर्शित करने में दो या दो से अधिक रेखाएं एक ही बिंदु पर मिलती दिखाई गई हो तो उस स्थान पर किस प्रकार की भुआकृति का अनुमान लगाया जाता है?
(क) झील
(ख) पहाड़
(ग) जलप्रपात
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर: (ग) जलप्रपात
11. जब समोच्च रेखाएं संकेंद्रीय वृत्ताकार हो जिनके बीच की वृत्तीय रेखा अधिक ऊंचाई प्रदर्शित करती हो तो इससे किस प्रकार की भुआकृति का अनुमान लगाया जाता है?
(क) पहाड़
(ख) पठार
(ग) नदी घाटी
(घ) जलप्रपात
उत्तर: (क) पहाड़
12. किस स्थलाकृति को प्रदर्शित करने के लिए कंटूर रेखाओं द्वारा गोल या चौकोर आकृति बनाई जाती है तथा उनके बीच में दूर तक खाली जगह छोड़ी जाती है?
(क) पहाड़ को
(ख) पठार को
(ग) जलप्रपात को
(घ) नदी घाटी को
उत्तर: (ख) पठार को
13. कंटूर द्वारा प्रदर्शित किसी भूभाग के मानचित्र पर यदि कोई कई कंटूर रेखाएं एक बिंदु से मिलती हुई आगे बढ़ जाए तो उस बिंदु पर किस स्थलाकृति का अनुमान लगाया जा सकता है?
(क) धीमी ढाल का
(ख) नदी घाटी का
(ग) झील का
(घ) जलप्रपात का
उत्तर: (घ) जलप्रपात का
14. यदि समोच्च रेखाएं एक दूसरे से बहुत अधिक दूरी पर खींची गई हो तो इनसे किस प्रकार की भुआकृति का प्रदर्शन होता है?
(क) धीमी ढाल
(ख) खड़ी ढाल
(ग) सागर तल
(घ) सीढ़ीनुमा ढाल
उत्तर: (क) धीमी ढाल
15. यदि मानचित्र में क्रमानुसार पहली-दूसरी समोच्च रेखाएं सटी-सी, फिर उनसे दूर तीसरी-चौथी समोच्च रेखाएं सटी-सी और उनसे दूर पांचवी-छठी समोच्च रेखाएं सटी-सी रहे, तो उससे किस ढाल का पता चलता है?
(क) खड़ी ढाल का
(ख) धीमी ढाल का
(ग) सीढ़ीनुमा ढाल का
(घ) समा ढाल का
उत्तर: (ग) सीढ़ीनुमा ढाल का
16. V-आकार की समोच्च रेखाएं किस स्थलाकृति के प्रदर्शन के लिए खींची जाती है?
(क) पठार के
(ख) बाहुकूट के
(ग) ज्वालामुखी पहाड़ के
(घ) झील के
उत्तर: (ख) बाहुकूट के
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