
Bihar Board Class 9 राजनीति विज्ञान अध्याय 1 “लोकतंत्र का क्रमिक विकास” में हम लोकतंत्र की उत्पत्ति, विकास और विभिन्न चरणों को सरल भाषा में समझते हैं।
इस अध्याय में प्राचीन लोकतंत्र से लेकर आधुनिक लोकतंत्र तक की यात्रा को विस्तारपूर्वक बताया गया है।
यह पोस्ट विद्यार्थियों को परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदुओं की स्पष्ट जानकारी देती है।
| पाठ्यपुस्तक | NCERT / SCERT |
| कक्षा | कक्षा 9 |
| विषय | राजनीति विज्ञान |
| अध्याय | अध्याय 1 |
| प्रकरण | लोकतंत्र का क्रमिक विकास |
Bihar Board Class 9 राजनीति विज्ञान अध्याय 1: लोकतंत्र का क्रमिक विकास के प्रश्नों का उत्तर:
1. लोकतंत्र के बारे में इसमें से कौन सा कथन सही नहीं है?
(क) लोकतंत्र में लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।
(ख) लोकतंत्र में लोगों को संगठन बनाने का अधिकार होता है।
(ग) लोकतंत्र में लोकतांत्रिक देश में लोगों को विरोध करने की आजादी नहीं होती है।
(घ) लोकतंत्र में चुने हुए नेताओं को ही देश पर शासन का अधिकार होता है।
उत्तर: (ग) लोकतांत्रिक देश में लोगों को विरोध करने की आजादी नहीं होती है।
2. इनमें से किससे लोकतंत्र के विस्तार में मदद मिलती है?
(क) विदेशी लोकतांत्रिक शासन का आक्रमण।
(ख) सैनिक तख्ता-पलट।
(ग) प्रेस पर प्रतिबंध।
(घ) लोगों का संघर्ष।
उत्तर: (घ) लोगों का संघर्ष।
3. इनमें से कौन सा कथन सही है?
(क) प्राचीन भारत में लोकतंत्र के प्रमाण नहीं मिलते हैं।
(ख) ब्रिटेन में 1688 ई. की गौरवपूर्ण क्रांति के बाद लोकतंत्र कमजोर हुआ।
(ग) फ्रांस में 1789 ई. की क्रांति ने लोकतांत्रिक शासन की नींव डाली।
(घ) पाकिस्तान एवं नेपाल में लोकतांत्रिक शासन को कभी चुनौती नहीं दी।
उत्तर: (ग) फ्रांस में 1789 ई. की क्रांति ने लोकतांत्रिक शासन की नींव डाली।
4. निम्नलिखित वाक्यांशों में से किसी एक का चुनाव करके इस वाक्य को पूरा कीजिए।
“अंतरराष्ट्रीय संगठनों में लोकतंत्र की जरूरत है ताकि…”
(क) अमीर देश की बातों का ज्यादा वजन हो।
(ख) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो।
(ग) विभिन्न देशों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सम्मान मिले।
(घ) विभिन्न देशों का महत्व उनके सैन्य शक्ति के अनुपात में हो।
उत्तर: (ख) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो।
5. स्तंभ अ एवं स्तंभों ब को सुमेलित कीजिए।
| स्तंभ अ | स्तंभ ब |
|---|---|
| (क) लिच्छवी | (3) प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक शासन वाला गणराज्य |
| (ख) नेपाल | (4) राजा के अपने अधिकार छोड़ने पर सहमति |
| (ग) पाकिस्तान | (1) सैनिक तानाशाही की समाप्ति |
| (घ) घाना | (2) ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी |
प्रश्न 6: गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोगों को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है? इस अध्याय में दिए गए उदाहरण के आधार पर तर्क दीजिए।
उत्तर: गैर-लोकतांत्रिक शासन में जनता को अपनी बात कहने, संगठन बनाने या सरकार का विरोध करने की आज़ादी नहीं होती। ऐसे देशों में अक्सर प्रेस पर सेंसरशिप होती है और चुनाव नाम मात्र के होते हैं।
उदाहरण के तौर पर –
- पाकिस्तान में सेना ने लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर तानाशाही कायम कर दी थी।
- नेपाल में राजा ने संसद को भंग कर लोगों की आवाज़ दबा दी।
- म्यांमार में सेना ने नेताओं को कैद में डाल दिया।
इन हालातों में जनता को डर और दमन का सामना करना पड़ता है। लोकतंत्र न होने से जनता के अधिकार कमजोर हो जाते हैं।
प्रश्न 7: एशिया के पांच गैर-लोकतांत्रिक देश के नाम लिखिए।
उत्तर: एशिया के पांच गैर-लोकतांत्रिक देशों के नाम इस प्रकार हैं:
- चीन
- उत्तर कोरिया
- म्यांमार
- सऊदी अरब
- तुर्कमेनिस्तान
(नोट: इनमें से कुछ देशों में चुनाव होते हैं, लेकिन वे निष्पक्ष नहीं होते और जनता को असली स्वतंत्रता नहीं मिलती।)
प्रश्न 8: जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः कौन-सी स्वतंत्रताएं छीन ली जाती हैं?
उत्तर: जब सेना लोकतांत्रिक शासन हटाकर सत्ता अपने हाथ में ले लेती है, तो नागरिकों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की आज़ादी, शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार, और निष्पक्ष चुनाव जैसे अधिकार छीन लिए जाते हैं। लोगों को डराया जाता है, नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है और संविधान को निलंबित कर दिया जाता है।
प्रश्न 9 (भाग 1): इस अध्याय के अध्ययन के आधार पर लोकतंत्र की समान विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: लोकतंत्र की कुछ समान विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- ✅ जनता का शासन: सत्ता का अंतिम अधिकार जनता के पास होता है।
- ✅ चुनाव: नेता नियमित अंतराल पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से चुने जाते हैं।
- ✅ मौलिक अधिकार: नागरिकों को बोलने, लिखने, संगठन बनाने और विरोध करने की आज़ादी होती है।
- ✅ कानून का शासन: सब लोग कानून के सामने बराबर होते हैं, चाहे वह आम नागरिक हो या प्रधानमंत्री।
- ✅ लोकलाभ: सरकार जनता की भलाई के लिए कार्य करती है, न कि अपने हित के लिए।
प्रश्न 9 (भाग 2): नेपाल तथा पाकिस्तान में लोकतंत्र के लिए हो रहे संघर्ष पर आधारित प्रश्नों के उत्तर
| प्रश्न | उत्तर |
|---|---|
| (i) इन देशों की पूर्व सरकार किस आधार पर गैर-लोकतांत्रिक थी? | – नेपाल: राजा ज्ञानेंद्र ने चुनी हुई संसद को भंग कर तानाशाही शासन लागू किया। – पाकिस्तान: जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने सेना की मदद से सत्ता हथियाई। |
| (ii) नेपाल तथा पाकिस्तान के लोगों की मुख्य शिकायत और मांगे क्या थीं? | – जनता चाहती थी कि चुनी हुई सरकार बहाल हो। – उन्हें प्रेस की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति का अधिकार और न्यायपालिका की स्वतंत्रता चाहिए थी। |
| (iii) पूर्व शासकों की प्रतिक्रिया क्या थी? | – दोनों देशों में विरोध करने वालों पर दमन किया गया। – नेताओं को जेल में डाला गया और मीडिया पर रोक लगाई गई। |
| (iv) लोकतांत्रिक संघर्ष के प्रमुख नेता कौन थे? | – नेपाल: गिरिजा प्रसाद कोइराला, सात दलों का गठबंधन, और माओवादी दल। – पाकिस्तान: बेनज़ीर भुट्टो और नवाज़ शरीफ जैसे नेता लोकतंत्र के पक्ष में थे। |
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