
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 10 “आपदा प्रबंधन एक परिचय“, हमें आपदा की प्रकृति, प्रकार और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में जानकारी देता है।
यह अध्याय विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ाने और आपदाओं से निपटने की समझ विकसित करने के लिए बहुत उपयोगी है।
इस अध्याय के माध्यम से छात्र आपातकालीन स्थिति में उचित निर्णय लेना सीखते हैं।
पाठ्यपुस्तक | NCERT / SCERT |
कक्षा | कक्षा-09 |
विषय | आपदा प्रबंधन |
अध्याय | अध्याय 10 |
प्रकरण | आपदा प्रबंधन– एक परिचय |
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 10 आपदा प्रबंधन एक परिचय के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर:
1. आपदा प्रबंधन के प्रमुख घटक हैं-
(क) आपदा के पूर्व व्यक्तिगत स्तर पर तैयारी करना।
(ख) आपदा के पूर्व सामुदायिक स्तर पर तैयारी करना।
(ग) रोकथाम के लिए दूसरों पर निर्भर रहना।
(घ) आपदा के संबंध में जानकारी नहीं रखना।
उत्तर: (क) आपदा के पूर्व व्यक्तिगत स्तर पर तैयारी करना।
👉 सही उत्तर इसलिए है क्योंकि आपदा प्रबंधन में व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर तैयारी मुख्य घटक होते हैं।
2. मानव जनित आपदा के प्रभाव को कम करने के कौन से उपाय हैं?
(क) भूमि उपयोग की जानकारी नहीं रखना।
(ख) आपदा रोधी भवन का निर्माण करना।
(ग) सामुदायिक जागरूकता पर ध्यान देना।
(घ) जोखिम क्षेत्रों में बसाव को बढ़ाना।
उत्तर: (ख) आपदा रोधी भवन का निर्माण करना। / (ग) सामुदायिक जागरूकता पर ध्यान देना।
👉 ये दोनों उपाय मानव जनित आपदाओं के प्रभाव को कम करने में सहायक हैं।
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 10 आपदा प्रबंधन एक परिचय के लघु उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर:
1. आपदा प्रबंधन क्या है?
उत्तर: आपदा प्रबंधन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से प्राकृतिक या मानव जनित आपदाओं के प्रभाव को कम किया जाता है। इसमें आपदा से पहले की तैयारी, आपदा के दौरान राहत कार्य, और बाद में पुनर्वास शामिल होता है। इसका उद्देश्य जान-माल की हानि को कम करना होता है।
2. आपदा को कम करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जाने चाहिए?
उत्तर: आपदा को कम करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं जैसे – मजबूत और सुरक्षित भवनों का निर्माण, आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली, समुदाय में जागरूकता फैलाना, आपातकालीन योजना बनाना और प्रशिक्षण देना। साथ ही, जोखिम वाले क्षेत्रों में अनावश्यक बसावट से बचना भी आवश्यक है।
3. तुम आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों की किस प्रकार मदद करोगे?
उत्तर: मैं आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने, प्राथमिक उपचार देने, भोजन और पानी वितरित करने, और राहत सामग्री बाँटने में मदद करूँगा। साथ ही, घबराए हुए लोगों को मानसिक रूप से शांत करने और बच्चों व वृद्धों की विशेष देखभाल करने का प्रयास करूँगा।
4. विद्यालय द्वारा किस प्रकार आपदा प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाया जा सकता है?
उत्तर: विद्यालय राहत सामग्री (कपड़े, भोजन, दवाइयाँ) एकत्र कर प्रभावित क्षेत्रों में भेज सकता है। शिक्षक और छात्र राहत शिविरों में सेवा दे सकते हैं। विद्यालय आपदा से संबंधित जागरूकता अभियान चला सकता है और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर पुनर्वास कार्य में सहायता कर सकता है।
Bihar Board Class 9 आपदा प्रबंधन अध्याय 10 आपदा प्रबंधन एक परिचय के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का उत्तर:
1. आपदा प्रबंधन में ग्राम पंचायत की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर: ग्राम पंचायतें आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वे स्थानीय स्तर पर लोगों के सबसे निकट होती हैं। उनकी भूमिकाएं निम्नलिखित हैं:
- पूर्व-चेतावनी और जागरूकता: ग्राम पंचायतें मौसम विभाग या प्रशासन से प्राप्त आपदा की पूर्व-चेतावनी को समुदाय तक पहुँचाती हैं और लोगों को सतर्क करती हैं।
- राहत और बचाव कार्य: आपदा के समय पंचायतें राहत शिविरों की स्थापना, भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था करती हैं।
- सामुदायिक सहभागिता: पंचायतें स्थानीय स्वयंसेवकों और संगठनों के साथ मिलकर आपदा प्रबंधन योजनाएं बनाती हैं और उनका क्रियान्वयन करती हैं।
- पुनर्वास और पुनर्निर्माण: आपदा के बाद पंचायतें प्रभावित लोगों के पुनर्वास और बुनियादी सुविधाओं की बहाली में सहायता करती हैं।
- संसाधनों का प्रबंधन: ग्राम पंचायतें आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक संसाधनों का प्रबंधन और वितरण सुनिश्चित करती हैं।
2. आपदा प्रबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करें।
उत्तर: भारत में आपदा प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण कार्य और संस्थाएं सक्रिय हैं:
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA): यह संस्था प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कार्य करती है और आपदा प्रबंधन की नीतियों और योजनाओं का निर्धारण करती है।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF): यह विशेष बल आपदा के समय बचाव और राहत कार्यों के लिए प्रशिक्षित है और NDMA के अधीन कार्य करता है।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना (NDMP): यह योजना आपदा जोखिम न्यूनीकरण, तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्निर्माण के लिए एक समग्र रूपरेखा प्रदान करती है।
- राज्य और जिला स्तर पर प्राधिकरण: NDMA के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक राज्य और जिले में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थापित किए गए हैं जो स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन का कार्य करते हैं।
- सेंडाई फ्रेमवर्क का पालन: भारत अंतर्राष्ट्रीय सेंडाई फ्रेमवर्क का पालन करता है, जो आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए वैश्विक दिशा-निर्देश प्रदान करता है।
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