
आत्म सम्मान का अर्थ, इसके विकास और घटक (Meaning of self esteem, its development and components)
आत्म सम्मान से आप क्या समझते हैं? आत्म सम्मान के विकास एवं घटक की विवेचना करें। (What do you understand by self respect? Discuss the development and components of self-esteem.)
परिचय: आत्म सम्मान, व्यक्ति की स्वयं के प्रति धारणा और मूल्यांकन को दर्शाता है। यह एक ऐसा अहसास है, जो व्यक्ति की आत्ममूल्यता, आत्म-सम्मान और आत्म-संवेदनशीलता पर आधारित होता है। आत्म सम्मान की भावना किसी व्यक्ति की मानसिक और भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करती है और जीवन के विभिन्न पहलुओं में इसका महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। इस लेख में, हम आत्म सम्मान के अर्थ, इसके विकास की प्रक्रिया, और इसके घटकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
आत्म सम्मान का अर्थ:
आत्म सम्मान, व्यक्ति की अपनी स्वयं की क्षमता, योग्यता, और मूल्य की समझ को दर्शाता है। यह एक व्यक्ति के आत्ममूल्यता की भावना होती है, जो उसके आत्म-स्वीकृति और आत्म-प्रेम पर आधारित होती है। आत्म सम्मान केवल व्यक्ति की आत्म-संवेदनशीलता और आत्म-मूल्यता का परिणाम नहीं है, बल्कि यह उसके आत्म-आत्मविश्वास और आत्म-समर्पण का भी प्रतिनिधित्व करता है।
आत्म सम्मान के घटक:
आत्म सम्मान के विकास में कई घटक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये घटक व्यक्ति के आत्म-मूल्य को मजबूत करने और उसकी आत्म-छवि को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद करते हैं। प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:
(i) स्व-स्वीकृति (Self-Acceptance):
जब व्यक्ति अपनी कमियों और असफलताओं को बिना किसी शर्म या ग्लानि के स्वीकार करता है, तो यह आत्म-मूल्य की भावना को मजबूत करता है। यह उसे आत्म-संवेदनाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करता है, जिससे आत्म सम्मान में वृद्धि होती है।
(ii) स्व-प्रेरणा (Self-Motivation):
आत्म-सम्मान की वृद्धि के लिए व्यक्ति को अपने लक्ष्यों की दिशा में निरंतर प्रेरित रहना आवश्यक है। स्व-प्रेरणा व्यक्ति को कठिनाइयों का सामना करने और असफलताओं से सीखने के लिए प्रेरित करती है, जिससे आत्म-मूल्य और आत्म-संवेदनाओं में सुधार होता है।
(iii) सकारात्मक सोच (Positive Thinking):
सकारात्मक सोच व्यक्ति को तनाव और निराशा से बचाती है, जिससे आत्म-मूल्य में वृद्धि होती है। जब व्यक्ति जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाता है, तो वह अपनी आत्म-छवि को बेहतर बनाता है और आत्म-सम्मान को सुदृढ़ करता है।
(iv) समाज में मान्यता (Social Recognition):
जब व्यक्ति को समाज से मान्यता और सम्मान मिलता है, तो यह उसकी आत्म-मूल्य की भावना को बढ़ाता है। सामाजिक मान्यता आत्म-सम्मान का एक महत्वपूर्ण घटक है, क्योंकि यह व्यक्ति को अपने योगदान और उपलब्धियों के लिए सराहा जाने की भावना प्रदान करता है।
(v) स्व-संरक्षण और आत्म-देखभाल: (Self-Care and Protection):
एक स्वस्थ जीवनशैली और आत्म-देखभाल से व्यक्ति का आत्म सम्मान बढ़ता है। जब व्यक्ति अपनी भलाई का ध्यान रखता है, तो वह अपनी आत्म-मूल्य की भावना को सुदृढ़ करता है और अपने आप को अधिक सम्मान देने के योग्य महसूस करता है।
(vi) सकारात्मक संबंध (Positive Relationships):
सकारात्मक संबंध व्यक्ति के आत्म-संवेदनाओं को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करते हैं। परिवार, मित्रों, और समाज से मिले समर्थन से व्यक्ति का आत्म-मूल्य बढ़ता है और आत्म-सम्मान को मजबूत करता है।
(vii) स्व-प्रतिक्रिया और आत्म-मूल्यांकन: (Self-Feedback and Evaluation):
आत्म सम्मान के विकास के लिए स्व-प्रतिक्रिया और आत्म-मूल्यांकन महत्वपूर्ण होते हैं। व्यक्ति को अपने प्रयासों, उपलब्धियों, और गलतियों का आत्म-मूल्यांकन करना चाहिए ताकि वह अपनी कमजोरियों को पहचान सके और सुधार कर सके। यह प्रक्रिया आत्म-मूल्य की भावना को सुधारने में मदद करती है।
आत्म सम्मान के विकास की प्रक्रिया:
आत्म सम्मान का विकास एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति की मानसिकता, अनुभव, और परिवेश की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके विकास के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
(i) आत्म-ज्ञान (Self-Knowledge):
आत्म सम्मान के विकास के लिए आत्म-ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। यह जानना कि आपके पास कौन-कौन सी क्षमताएँ और गुण हैं, आपकी आत्म-मूल्य की भावना को बढ़ाता है। आत्म-ज्ञान से आप अपनी क्षमताओं का सही मूल्यांकन कर सकते हैं और आत्म-संवेदनाओं को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।
(ii) लक्ष्य निर्धारण और प्राप्ति (Goal Setting and Achievement):
स्पष्ट और सुसंगठित लक्ष्यों को निर्धारित करना और उन्हें प्राप्त करना आत्म सम्मान को बढ़ाने में मदद करता है। लक्ष्य निर्धारण से व्यक्ति को अपनी उपलब्धियों पर गर्व महसूस होता है और आत्म-मूल्य की भावना सुदृढ़ होती है।
(iii) आत्म-स्वीकृति और आत्म-प्रशंसा (Self-Acceptance and Appreciation):
स्वयं को स्वीकारना और अपनी उपलब्धियों की सराहना आत्म सम्मान के विकास के लिए आवश्यक है। यह आत्म-मूल्य की भावना को मजबूत करता है और व्यक्ति को आत्म-संवेदनाओं को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद करता है।
(iv) सकारात्मक आत्म-वार्ता (Positive Self-Talk):
अपने आप से सकारात्मक संवाद करना और आत्म-प्रशंसा करना आत्म सम्मान को बढ़ाता है। यह आत्म-मूल्य को सुदृढ़ करता है और व्यक्ति की आत्म-छवि को सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
(v) समाजिक समर्थन (Social Support):
परिवार, मित्रों, और समाज का समर्थन आत्म सम्मान को बढ़ाने में सहायक होता है। सामाजिक समर्थन और प्रशंसा व्यक्ति की आत्म-मूल्य की भावना को सुदृढ़ करती है और आत्म-संवेदनाओं को सकारात्मक दिशा में ले जाती है।
(vi) स्वास्थ्य और आत्म-देखभाल:
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी आत्म सम्मान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, और मानसिक विश्राम आत्म-संवेदनशीलता और आत्म-स्वीकृति को बढ़ाते हैं।
निष्कर्ष:
आत्म सम्मान का अर्थ एक महत्वपूर्ण भावनात्मक और मानसिक स्थिति है, जो व्यक्ति की आत्म-धारणा और आत्म-विश्वास को प्रभावित करती है। आत्म सम्मान के विकास के लिए स्वयं की स्वीकृति, आत्म-विश्वास, स्वयं की सराहना, और स्वयं की मान्यता जैसे घटकों पर ध्यान देना आवश्यक है। B.Ed. छात्रों के लिए, आत्म सम्मान की समझ और इसके विकास की प्रक्रिया शिक्षा और जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में आत्म-संवेदनशीलता और आत्म-प्रेरणा को बढ़ावा देती है।