बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल अध्याय 5a: बिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

बिहार- खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल अध्याय 5a: बिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के इस अध्याय में हमलोग मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2023 के लिए महत्वपूर्ण अब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव प्रश्नों का आध्यान करेंगे ।

पाठ्यपुस्तकBSTBPC
कक्षाकक्षा-10
विषयभूगोल
अध्यायअध्याय 5A
प्रकरणबिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल अध्याय 5a: बिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर:

1. बिहार में खनिज तेल मिलने की संभावनाएं हैं –

(क) हिमालय क्षेत्र में
(ख) दक्षिण बिहार के मैदान में
(ग) दक्षिण बिहार के पहाड़ी क्षेत्र में
(घ) गंगा के द्रोणी में
उत्तर: (घ) गंगा के द्रोणी में

2. चूना पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से किस उद्योग में होता है?

(क) सीमेंट उद्योग
(ख) लोहा उद्योग
(ग) शीशा उद्योग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (क) सीमेंट उद्योग

3. पाइराइट खनिज है –

(क) धात्विक
(ख) अधात्विक
(ग) परमाणु
(घ) ईंधन
उत्तर: (ख) अधात्विक

4. बिहार के सोने अयस्क से प्रतिदिन शुद्ध सोना प्राप्त होता है –

(क) 0.05 से 0.06 ग्राम
(ख) 0.1 से 0.6 ग्राम
(ग) 0.00 से 0.1 ग्राम
(घ) 0.001 से 0.003 ग्राम
उत्तर: (घ) 0.001 से 0.003 ग्राम

5. कहलगांव तापीय विद्युत परियोजना किस जिला में अवस्थित है?

(क) भागलपुर
(ख) मुंगेर
(ग) जमुई
(घ) साहेबगंज
उत्तर: (क) भागलपुर

6. कांटी तापीय विद्युत परियोजना किस जिला में स्थापित है?

(क) पूर्णिया
(ख) सीवान
(ग) मुजफ्फरपुर
(घ) पूर्वी चंपारण
उत्तर: (ग) मुजफ्फरपुर

7. बिहार में बी. एच. पी. सी. द्वारा वृहत परियोजनाओं की संख्या कितनी है?

(क) 3
(ख) 10
(ग) 5
(घ) 7
उत्तर: (ग) 5

8. बिहार में कार्यरत जल विद्युत परियोजनाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?

(क) 35.60 मेगावाट
(ख) 44.20 मेगावाट
(ग) 50.60 मेगावाट
(घ) 30 मेगावाट
उत्तर: (क) 35.60 मेगावाट

बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल अध्याय 5a: बिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

1. अभ्रक कहां मिलता है? इसका क्या उपयोग है?

उत्तर: बिहार में अभ्रक मुख्य रूप से गया और नवादा जिलों में पाया जाता है। यह खनिज अपनी उच्च ताप सहनशीलता और इन्सुलेटिंग गुणों के कारण महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इन्सुलेटर के रूप में, सौंदर्य प्रसाधनों, पेंट, प्लास्टिक, और सजावटी उद्योगों में किया जाता है। इसके अलावा, अभ्रक का उपयोग तापीय शक्ति संयंत्रों में भी किया जाता है।

2. बिहार में ग्रेफाइट एवं यूरेनियम के वितरण को लिखिए।

उत्तर: बिहार में ग्रेफाइट मुख्य रूप से गया और जमुई जिलों में पाया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से पेंसिल निर्माण, बैटरियों, और इलेक्ट्रोड में किया जाता है। वहीं, यूरेनियम की उपस्थिति गया और नवादा जिलों में संभावित मानी जाती है। यूरेनियम का उपयोग परमाणु ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है, हालांकि इसके खनन की प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन भविष्य में यह परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

3. बिहार में तापीय विद्युत केंद्रों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: बिहार में कई प्रमुख तापीय विद्युत केंद्र हैं, जिनमें कहलगांव (भागलपुर), कांटी (मुजफ्फरपुर) और बरौनी (बेगूसराय) शामिल हैं। ये विद्युत केंद्र राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन केंद्रों में कोयले का उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, जिससे विद्युत उत्पादन होता है। तापीय विद्युत केंद्रों से उत्पन्न बिजली का उपयोग कृषि, उद्योग, और घरेलू क्षेत्रों में किया जाता है। राज्य के विकास में इन केंद्रों का अहम योगदान है।

4. सोन नदी घाटी परियोजना से उत्पादित जल विद्युत का वर्णन कीजिए।

उत्तर: सोन नदी घाटी परियोजना बिहार की प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं में से एक है। यह परियोजना बिजली उत्पादन, सिंचाई, और बाढ़ नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है। इस परियोजना से उत्पन्न जल विद्युत बिहार और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति करती है। इसके साथ-साथ, इस परियोजना से कृषि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलती है, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है।

5. बिहार में जल विद्युत विकास पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: बिहार में जल विद्युत विकास में प्रमुख रूप से कोसी, गंडक, और सोन नदियों पर आधारित परियोजनाएं शामिल हैं। ये परियोजनाएं बिजली उत्पादन, सिंचाई, और बाढ़ नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, राज्य की जल विद्युत उत्पादन क्षमता सीमित है और इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। बिहार में जल विद्युत परियोजनाओं का विकास हरित ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल अध्याय 5a: बिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर:

1. बिहार में पाए जाने वाले खनिजों को वर्गीकृत कर किसी एक वर्ग के खनिज का वितरण एवं उपयोगिता को लिखिए।

उत्तर: बिहार में खनिजों को तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

धात्विक खनिज: जैसे लौह अयस्क, तांबा, सोना आदि।
अधात्विक खनिज: जैसे अभ्रक, चूना पत्थर, ग्रेफाइट आदि।
ऊर्जा खनिज: जैसे कोयला, यूरेनियम।

अधात्विक खनिजों में अभ्रक का प्रमुख स्थान है। बिहार के गया और नवादा जिलों में अभ्रक की खदानें हैं। यह खनिज विद्युत उपकरणों में इन्सुलेटर के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, अभ्रक का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, पेंट और सजावटी उत्पादों में भी किया जाता है। इसकी उच्च ताप सहनशीलता इसे विशेष रूप से विद्युत उपकरणों के लिए उपयुक्त बनाती है। बिहार के अभ्रक का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात भी होता है, जिससे राज्य को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।

2. बिहार के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों का वर्णन कीजिए और किसी एक स्रोत पर विस्तार से चर्चा कीजिए।

उत्तर: बिहार के प्रमुख ऊर्जा स्रोतों में तापीय विद्युत, जल विद्युत, और सौर ऊर्जा शामिल हैं।

तापीय विद्युत: बरौनी, कांटी और कहलगांव तापीय विद्युत केंद्र प्रमुख हैं।
जल विद्युत: सोन और गंडक नदी परियोजनाओं से प्राप्त ऊर्जा।
सौर ऊर्जा: बिहार में सौर ऊर्जा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है।

तापीय विद्युत पर चर्चा करते हुए, यह बिहार में प्रमुख ऊर्जा स्रोत है। यह कोयले पर आधारित होता है और राज्य के कई क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करता है। बरौनी, कांटी और कहलगांव तापीय विद्युत केंद्रों से ऊर्जा का उत्पादन होता है, जो औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। तापीय विद्युत उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति पास के राज्यों से होती है। हालांकि, पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभावों को देखते हुए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल अध्याय 5a: बिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के क्रियाकलाप वाले प्रश्नों के उत्तर:

1. गांव या मोहल्ले में पवन ऊर्जा एवं बायोगैस का महत्व समझायें।

पवन ऊर्जा का महत्व:

पवन ऊर्जा हमारे गांव या मोहल्ले में पर्यावरण के लिए बहुत लाभदायक है। यह एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है, जो हवा की गति से बिजली उत्पन्न करता है। पवन ऊर्जा का उपयोग करने से प्रदूषण कम होता है और यह जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को भी घटाता है। इसके अलावा, पवन ऊर्जा की स्थापना से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं।

बायोगैस का महत्व:

बायोगैस एक स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा का स्रोत है, जिसे हमारे गांव या मोहल्ले में आसानी से बनाया जा सकता है। यह गाय के गोबर, फसलों के अवशेष और घर के जैविक कचरे से बनाई जाती है। बायोगैस का उपयोग खाना पकाने, बिजली उत्पादन और अन्य ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, बायोगैस संयंत्र के बचे हुए अवशेष को खेतों में खाद के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।

बिहार बोर्ड कक्षा 10 भूगोल अध्याय 5a: बिहार – खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर:

1. इनमें कौन खनिज बिहार में प्राप्त हैं?

(क) लोहा
(ख) तांबा
(ग) बॉक्साइट
(घ) चूना पत्थर
उत्तर: (घ)

2. बिहार में सोना अयस्क से प्रतिटन शुद्ध सोना प्राप्त होता है?

(क) 1 से 6 ग्राम
(ख) 0.1 से 0.6 ग्राम
(ग) 0.01 से 0.06 ग्राम
(घ) 0.001 से 0.006 ग्राम
उत्तर: (घ)

3. पाइराइट खनिज है-

(क) धात्विक
(ख) अधात्विक 
(ग) परमाणु
(घ) ईंधन
उत्तर: (ख) अधात्विक

4. चुना पत्थर का उपयोग मुख्य रूप से किस उद्योग में होता है?

(क) सीमेंट उद्योग
(ख) लोह-इस्पात उद्योग
(ग) सीसा उद्योग
(घ) इनमें से किसी में नहीं
उत्तर: (क) सीमेंट उद्योग

5. बिहार में खनिज तेल मिलने की संभावनाएँ हैं-

(क) हिमालय क्षेत्र में
(ख) दक्षिण बिहार के मैदान में
(ग) दक्षिण बिहार के पहाड़ी क्षेत्र में
(घ) गंगा के द्रोणी में
उत्तर: (घ) गंगा के द्रोणी में

6. कहलगाँव तापीय विद्युत परियोजना किस जिला में अवस्थित है?

(क) भागलपुर
(ख) मुंगेर
(ग) जमुई
(घ) साहेबगंज
उत्तर: (क) भागलपुर

7. कांटी तापीय विद्युत परियोजना किस जिला में स्थापित है?

(क) पूर्णिया
(ख) सिवान
(ग) मुजफ्फरपुर
(घ) पूर्वी चम्पारण
उत्तर: (ग) मुजफ्फरपुर

8. बिहार में बी. एच. पी. सी. द्वारा वृहत परियोजनाओं की संख्या कितनी है?

(क) 3
(ख) 5 
(ग) 7
(घ) 10
उत्तर: (ख)

9. बिहार में कार्यरत जल परियोजनाओं की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है?

(क) 35.60 मेगावाट
(ख) 44.20 मेगावाट
(ग) 50.60 मेगावाट
(घ) 30 मेगावाट
उत्तर: (क)

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